
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बहनोई और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की कानूनी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक अहम मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को समन भेजा है। यह मामला ब्रिटेन में रह रहे विवादास्पद हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़ा हुआ है। ईडी इस मामले की जांच प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कर रही है।
इससे पहले 10 जून को भी वाड्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने तब स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पेश होने से मना कर दिया था। वाड्रा के वकील ने बताया था कि उन्हें फ्लू जैसे लक्षण थे और उन्होंने कोविड टेस्ट भी कराया था। उन्होंने यह भी कहा था कि वाड्रा समन से बच नहीं रहे हैं और वे देश में मौजूद रहते हुए कभी भी जांच में सहयोग करने को तैयार हैं।
ईडी इससे पहले अप्रैल 2024 में रॉबर्ट वाड्रा से हरियाणा में 2008 की एक विवादित जमीन डील को लेकर तीन दिन तक पूछताछ कर चुकी है। वाड्रा के खिलाफ ईडी की तीन अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जांच चल रही है।
क्या है पूरा मामला?
संजय भंडारी एक हथियार सौदागर हैं, जो 2016 में इनकम टैक्स की छापेमारी के बाद भारत से फरार होकर लंदन भाग गए थे। ईडी का आरोप है कि भंडारी ने 2009 में लंदन में एक आलीशान मकान खरीदा था और इसे रॉबर्ट वाड्रा के निर्देश पर रिनोवेट भी कराया गया। एजेंसी का दावा है कि इस रिनोवेशन में जो खर्च हुआ, वह वाड्रा की ओर से किया गया।
हालांकि रॉबर्ट वाड्रा ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि उनकी लंदन में कोई संपत्ति नहीं है और उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते निशाना बनाया जा रहा है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने संजय भंडारी के प्रत्यर्पण की कोशिश की थी, लेकिन हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें इस मामले को यूके सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की अनुमति मांगी गई थी। इसके बाद भंडारी को भारत लाने की संभावना लगभग खत्म हो गई है।
ईडी ने इस मामले में 2023 में चार्जशीट दायर की थी और अब नए सबूतों के आधार पर वाड्रा से फिर पूछताछ की जा रही है।
आगे क्या?
रॉबर्ट वाड्रा को अब इस नए समन के तहत ईडी के सामने पेश होना होगा। अगर वे पूछताछ में शामिल नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और तेज हो सकती है। वहीं विपक्षी दल इस पूरे मामले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं।