
उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग ने एक मानवीय और व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए पति-पत्नी पुलिसकर्मियों को एक ही जिले में तैनाती देने की ऐतिहासिक पहल की है। पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत, शासन की तबादला नीति के अनुरूप अब तक 101 आरक्षियों को इस सुविधा का लाभ दिया गया है।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने पारिवारिक समस्याओं, मानसिक तनाव और व्यवहारिक असंतुलन जैसी चुनौतियों को देखते हुए यह निर्देश जारी किया था। उनका मानना है कि मजबूत कानून व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मियों का मानसिक रूप से संतुलित और प्रेरित रहना आवश्यक है।
पहले चरण में 101 तबादले, आगे और तैयारी
पहले चरण में जिन 101 पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण किया गया है, उनमें महिला पुलिसकर्मियों को उनके पति की तैनाती वाले जिलों में भेजा गया है, वहीं पुरुष पुलिसकर्मियों को उनकी पत्नियों के तैनाती वाले जिलों में स्थानांतरित किया गया है। इसके अलावा, यूपी पुलिस जल्द ही अन्य अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को भी इसी नीति के तहत स्थानांतरित करने की तैयारी कर रही है।
रेंज स्तर से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू
डीजीपी मुख्यालय से प्राप्त तबादला आदेशों के तहत, संबंधित पुलिसकर्मियों को पहले उनके जीवनसाथी के तैनाती वाले जिले की रेंज में भेजा गया है। अब रेंज स्तर से उनकी अंतिम नियुक्ति एक ही जिले में की जाएगी, जिससे वे पारिवारिक जीवन और कर्तव्य के बीच बेहतर संतुलन बना सकें।
पुलिस विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इससे पहले केवल अनुकंपा के आधार पर सीमित संख्या में पति-पत्नी को एक ही जिले में तैनाती दी जाती थी। लेकिन यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण इस नीति के तहत किया गया है।
यह पहल न केवल पुलिसकर्मियों के मनोबल को बढ़ाने वाली है, बल्कि इससे उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था भी और अधिक सुदृढ़ होगी। यह निर्णय मानवीय दृष्टिकोण और प्रशासनिक समझदारी का एक उत्तम उदाहरण है।