
केंद्र सरकार ने लाखों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब वे कर्मचारी जो अपनी वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि से ठीक एक दिन पहले सेवानिवृत्त होते हैं, उन्हें भी पेंशन की गणना के लिए वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद लिया गया है, जिसे केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से लागू किया है।
क्या है बदलाव?
अब तक यदि कोई कर्मचारी 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होता था, तो वह अगले दिन मिलने वाली सालाना वेतन वृद्धि के लाभ से वंचित रह जाता था। लेकिन कार्मिक मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि ऐसे कर्मचारियों को प्रतीकात्मक (notional) वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा, ताकि उनकी पेंशन की गणना में न्याय हो सके।
मंत्रालय के अनुसार, यह नियम 1 मई, 2023 या उसके बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा और 1 जुलाई या 1 जनवरी को वेतन वृद्धि की पात्रता रखने वालों को शामिल करेगा।
कर्मचारी संगठनों ने किया स्वागत
अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम न केवल कर्मचारियों के वित्तीय हितों की रक्षा करता है, बल्कि सरकार की कल्याणकारी सोच को भी दर्शाता है।
क्या होगा फायदा?
इस बदलाव से वे हजारों कर्मचारी लाभान्वित होंगे जो:
साल में दो बार (1 जनवरी या 1 जुलाई) वेतन वृद्धि के पात्र होते हैं।
लेकिन सेवानिवृत्ति की तिथि 30 जून या 31 दिसंबर होती है।
पहले उन्हें वेतन वृद्धि नहीं मिलती थी, जिससे उनकी पेंशन कम बनती थी।
अब उन्हें सांकेतिक रूप से वेतन वृद्धि जोड़कर उचित पेंशन मिलेगी।
यह फैसला सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हित में एक बड़ा और न्यायोचित कदम है। इससे यह संदेश भी जाता है कि सरकार अपने कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील है और उनके सार्वजनिक सेवा के वर्षों का उचित सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है।