
पाकिस्तानी हमले में शहीद हुए झुंझुनूं (राजस्थान) के वीर सपूत शहीद सुरेंद्र सिंह को अंतिम विदाई देने लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. पूरा गाँव ‘भारत माता की जय’ और ‘सुरेंद्र सिंह अमर रहें’ के नारों से गूंज उठा. उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी.
देशभक्ति और बलिदान की मिसाल बने झुंझुनूं के वीर सपूत शहीद सुरेंद्र सिंह को सोमवार को उनके पैतृक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में शहीद हुए सुरेंद्र सिंह की पार्थिव देह जब गांव पहुंची, तो हर आंख नम थी लेकिन गर्व से भरी हुई थी।
पूरे गाँव में “भारत माता की जय” और “सुरेंद्र सिंह अमर रहें” के नारों की गूंज थी। हजारों की संख्या में ग्रामीण, परिजन और सेना के अधिकारी इस अंतिम विदाई में शामिल हुए। जैसे ही तिरंगे में लिपटे शव को देखा गया, लोगों की आंखें भर आईं, लेकिन साथ ही गर्व भी छलक पड़ा — क्योंकि यह विदाई एक वीर सपूत को थी, जिसने राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।
शहीद सुरेंद्र सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल हुए बच्चों, बुज़ुर्गों और युवाओं की आंखों में एक ही संकल्प झलक रहा था — “हम अपने देश के लिए सब कुछ न्योछावर करने को तैयार हैं।”
राज्य सरकार की ओर से प्रतिनिधि दल ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी, वहीं स्थानीय प्रशासन और सेना की टुकड़ी ने शस्त्र झुका कर वीर शहीद को सलामी दी।
देश कभी नहीं भूल सकता सुरेंद्र सिंह जैसे वीरों का यह बलिदान।