
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा और सख्त फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया है और पाकिस्तान के साथ सभी राजनयिक और नागरिक संबंधों को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब पाकिस्तान के किसी भी नागरिक को भारत में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिन लोगों के पास वीजा था, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि पाकिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास को बंद किया जाएगा। वहां तैनात सभी राजनयिकों और कर्मचारियों को भारत वापस बुलाया जा रहा है। इसी तरह भारत में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास भी बंद किया जाएगा, और सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को एक हफ्ते के अंदर भारत छोड़ना होगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के दूतावासों में मौजूद कर्मचारियों की संख्या भी घटाई जाएगी। 1 मई तक यह संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी।
सीमा सील, आवाजाही पूरी तरह बंद
भारत सरकार ने अटारी-वाघा बॉर्डर चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब दोनों देशों के बीच आम नागरिकों की सीधी आवाजाही बंद हो गई है। व्यापार, संपर्क और आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
मोदी सरकार का साफ संदेश, आतंक से कोई समझौता नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई CCS (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) की बैठक में यह सभी फैसले लिए गए। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृहमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री भी मौजूद थे। सभी ने मिलकर यह फैसला किया कि भारत अब आतंक को समर्थन देने वाले देश से कोई रिश्ता नहीं रखेगा। सरकार ने कहा है कि यह कदम देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए ज़रूरी है। अब भारत आतंकवाद के खिलाफ पहले से ज्यादा सख्ती से खड़ा होगा।