
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में कृषि और शिक्षा क्षेत्र को मजबूती देने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें प्रमुख रूप से सेब, कीवी, मोटा अनाज और ड्रैगन फ्रूट की खेती पर 80% तक सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है।
राज्य की कीवी नीति को मिली मंजूरी
प्रदेश सरकार ने “उत्तराखंड कीवी नीति” को मंजूरी दी है, जिसके तहत 2030-32 तक 3300 हेक्टेयर भूमि में 33 हजार मीट्रिक टन कीवी उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में राज्य में 682 हेक्टेयर भूमि पर 381 मीट्रिक टन कीवी का उत्पादन हो रहा है। किसानों को 50 से 70 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।
ड्रैगन फ्रूट की खेती पर प्रति एकड़ आठ लाख रुपये की लागत मानी गई है, जिसके लिए सरकार 80% तक अनुदान देगी। वहीं, मोटे अनाज नीति के तहत चयनित बीज, जैविक उर्वरक व पोषक तत्वों पर 80% अनुदान का प्रावधान किया गया है। इस नीति को दो चरणों में लागू किया जाएगा – पहले चरण में 24 विकासखंडों में और दूसरे चरण में 44 विकासखंडों में खेती को बढ़ाया जाएगा।
कैबिनेट ने सेब की तुड़ाई के बाद की प्रबंधन योजना को स्वीकृति दी है। साथ ही मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत सॉर्टिंग व ग्रेडिंग इकाई की स्थापना पर 60% तक सब्सिडी दी जाएगी। प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक पढ़ने वाले लगभग 10 लाख छात्रों को अब मुफ्त किताबों के साथ-साथ मुफ्त कॉपियां भी मिलेंगी। इससे छात्रों और अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी।
कैबिनेट ने आपदा प्रबंधन से जुड़ी बड़ी घोषणा की है। अब जिलाधिकारियों को आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपये तक खर्च करने का अधिकार होगा, जो पहले केवल 20 लाख रुपये था। मंडलायुक्तों के अधिकार भी बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिए गए हैं।
इन फैसलों से स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार राज्य के किसानों, विद्यार्थियों और आम नागरिकों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।