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भारतीय नौसेना ने ‘आत्मनिर्भरता’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक पहल की है जिसके तहत यह एक खरीदार की नौसेना से एक निर्माता की नौसेना में तब्दील हो गई है, जिसके 60 से अधिक युद्धपोत भारतीय शिपयार्ड में बनाए जा रहे हैं। भारतीय नौसेना विमानन जो नौसेना का एक अभिन्न अंग है वह भी इस मार्ग पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है। इस दिशा में एक ठोस कदम उठाने के लिए एक दृष्टिकोण दस्तावेज़ ‘आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना विमानन – तकनीकी रोडमैप 2047’ तैयार किया गया है और इसे एयरो इंडिया 2025 के दौरान जारी करने की योजना है।
एयरो इंडिया 2025 का द्विवार्षिक आयोजन 10-14 फरवरी 25 को बेंगलुरु के येलहंका वायु सेना स्टेशन पर आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन उपयोगकर्ताओं, अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठानों, शिक्षाविदों, उद्योग भागीदारों, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को विमानन क्षेत्र के माध्यम से 2047 तक ‘विकसित भारत’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण की दिशा में बातचीत करने और सामूहिक रूप से योगदान करने के लिए एक विशिष्ट मंच प्रदान करता है। यह आयोजन नौसेना विमानन को अपनी भविष्य की जरूरतों को प्रस्तुत करने और उद्योग जगत को यह दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करता है कि किसी भी नौसेना विमानन प्लेटफ़ॉर्म में अनिवार्य रूप से आवश्यक तीन एस – सिस्टम, स्ट्रक्चर और सॉफ़्टवेयर के संबंध में उनके पास क्या है।
भारतीय नौसेना मुख्य भूमि से दूर व्यापक समुद्रों और विशाल महासागरों में कार्य करती है। इसी कारण से भारतीय नौसेना के विमानन प्लेटफार्मों के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है। एयरो इंडिया 2025 का उपयोग आम जनता को विभिन्न प्रकार के नौसैनिक विमानों को दिखाने और उनसे परिचित कराने के अवसर के रूप में किया जा रहा है, जिन्हें वर्तमान में भारतीय नौसेना द्वारा प्रदर्शन के हिस्से के रूप में संचालित किया जा रहा है। इसमें मिग 29K चौथी पीढ़ी के वाहक लड़ाकू विमान, कामोव 31 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर, सीकिंग 42बी और एमएच 60 आर एंटी-सबमरीन और एंटी-शिप हेलीकॉप्टर शामिल होंगे।
इसके अलावा, भारतीय नौसेना प्रदर्शनी क्षेत्र में हल्के लड़ाकू विमान – लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (नेवी) का भी प्रदर्शन करेगा । इस विमान का डिजाइन एयरोनॉटिकल डिज़ाइन एजेंसी (ADA) द्वारा तैयार किया गया है और HAL द्वारा निर्मित किया गया है। स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर LCA (नेवी) की सफल लैंडिंग ने भारत को डेक बोर्न फाइटर एयरक्राफ्ट को डिज़ाइन करने, विकसित करने, परीक्षण करने और निर्माण करने की क्षमता वाले कुछ देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। फ्लाई-पास्ट के लिए विमानों की संरचनाओं में ‘V’ में सभी नौसेना वरुण संरचना होगी जो ‘विजय’ को दर्शाती है, जिसमें P8I सबसे आगे होगा और उसके दोनों ओर मिग 29K और हॉक 132 विमान होंगे।
राष्ट्र के ‘आत्मनिर्भर भारत ‘ के लक्ष्य के अनुसरण में इंडिया पैवेलियन में उद्योग और डीआरडीओ के साथ साझेदारी में भारतीय नौसेना द्वारा विकसित या विकसित की जा रही स्वदेशी परियोजनाएं प्रदर्शित की जायेंगी, जैसे अत्याधुनिक मिसाइलें, हवा से गिराए जाने योग्य सर्च एंड रेस्क्यू (एसएआर) किट, लॉजिस्टिक स्टोर के लिए एयर ड्रॉपेबल कंटेनर (एडीसी), मिग 29के के लिए वाहक जनित प्रणालियां और आधुनिक हल्के टॉरपीडो एडवांस लाइट वेट टारपीडो (एएलडब्ल्यूटी)। इसके अलावा इंडिया पैवेलियन में भारतीय नौसेना के भविष्य के डेक जनित लड़ाकू विमान का एक छोटा मॉडल भी प्रदर्शित किया जाएगा – ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (4++ पीढ़ी, जिसे एडीए द्वारा डिजाइन किया गया है) जिसे स्की जंप पर रखा गया है। नौसेना विमानन प्रौद्योगिकी बढ़ने के कारण, भारतीय नौसेना भविष्य के नौसैनिक विमानन प्लेटफार्मों और प्रणालियों को विकसित करने के लिए स्टार्टअप को भी शामिल कर रही है। इनमे से कुछ इंडिया पवेलियन में प्रदर्शित की जाएंगी।
भारतीय नौसेना विमानन की भविष्य की आवश्यकताओं को पेश करने, भागीदारी बढ़ाने, समझ बनाने और उद्योग, स्टार्टअप, डीपीएसयू और शिक्षा जगत के लिए 12 फरवरी 25 को ‘आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना विमानन में परिवर्तन – 2047 और इससे जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र’ पर एक सेमिनार आयोजित किया जा रहा है। भविष्य की थीम स्वतंत्रता दिवस के शताब्दी वर्ष तक आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है। शिक्षा जगत, उद्योग, डीआरडीओ, डीपीएसयू और उद्योग के साथ सहयोग और साझेदारी इस दृष्टिकोण को साकार करने में मुख्य है।
पिछले कुछ वर्षों में अपने दायरे, महत्व और परिमाण में वृद्धि के साथ, एयरो इंडिया 2025 नौसेना विमानन के विकास और सशक्तिकरण तथा राष्ट्र के रक्षा बलों की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम साबित होगा।