सेना होगी और मजबूत; रक्षा बजट के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित, आत्मनिर्भरता पर जोर

1

केंद्र सरकार ने शनिवार को 2025-26 के रक्षा बजट के लिए 6,81,210 करोड़ रुपये आवंटित किए। पिछले साल के 6,21,940 करोड़ रुपये से यह कुछ अधिक है। कुल पूंजी परिव्यय 1,92,387 करोड़ रुपये आंका गया है। राजस्व व्यय 4,88,822 करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें पेंशन के लिए 1,60,795 करोड़ रुपये शामिल हैं। पूंजीगत व्यय के तहत विमान और वैमानिकी इंजनों के लिए 48,614 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। नौसेना बेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। दूसरे उपकरणों के लिए 63,099 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है।

पूंजीगत व्यय के तहत विमान और एयरो इंजन के लिए 48,614 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। नौसेना बेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये का प्रावधान है। अन्य उपकरणों के लिए 63,099 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है। 2024-25 में सरकार ने रक्षा बजट के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इसमें पूंजीगत परिव्यय 1,72,000 करोड़ रुपये आंका गया था।

घरेलू रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ तक पहुंचा

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन के तहत देश का घरेलू रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। पिछले 10 सालों में इसमें 174 फीसदी की वृद्धि हुई है। मंत्रालय ने कहा कि 2024-25 में 6,21,940.85 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करना देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की स्पष्ट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मंत्रालय ने कहा कि मेक इन इंडिया पहल और नीति सुधारों के माध्यम से सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया है। वहीं विदेशी खरीद पर निर्भरता कम की है।

21 गुना बढ़ा रक्षा निर्यात

मंत्रालय ने कहा कि भारत चालू वित्त वर्ष में रक्षा उत्पादन में 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करने की राह पर है। वित्त वर्ष 2014-15 के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में रक्षा निर्यात में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

2004 से 2014 तक देश का रक्षा निर्यात 4,312 करोड़ रुपये का था। मगर पिछले 10 साल में इसमें 21 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है। 2014 से 2024 तक रक्षा निर्यात 88,319 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

इन उपकरणों का निर्यात करता है भारत

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत अब 100 से अधिक देशों को अपने रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है। 2029 तक रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है। भारत अभी बुलेटप्रूफ जैकेट, डोर्नियर (Do-228) विमान, चेतक हेलीकॉप्टर, इंटरसेप्टर नौकाएं और हल्के टॉरपीडो जैसे उपकरणों का निर्यात करता है।