ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर बड़ा प्रतिबंध

1

ऑस्ट्रेलिया ने बच्चों के डिजिटल जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर कड़ा प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इस प्रस्तावित कानून को बुधवार को संसद में भारी समर्थन के साथ पारित किया गया।

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ की सरकार द्वारा पेश किए गए इस बिल के पक्ष में 102 वोट और विरोध में केवल 13 वोट पड़े। यह कानून, जो सोशल मीडिया को लेकर दुनिया के सबसे सख्त नियमों में से एक माना जा रहा है, अब सीनेट में अंतिम चर्चा के बाद गुरुवार तक पारित होने की उम्मीद है।

क्यों जरूरी हुआ यह कानून?

पिछले कुछ वर्षों में बच्चों पर साइबर बुलिंग और मानसिक स्वास्थ्य के खतरनाक प्रभावों के चलते इस मुद्दे ने तूल पकड़ा। कई माता-पिता ने संसद में गवाही दी कि उनके बच्चों ने ऑनलाइन दुर्व्यवहार के चलते आत्मघाती कदम उठाए। इसके बाद सरकार ने इस संवेदनशील मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए यह प्रस्ताव रखा।

बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधान

नए कानून के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को 16 साल से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए एज-वेरिफिकेशन सिस्टम लागू करना होगा। इसमें बायोमेट्रिक डेटा या सरकारी पहचान पत्र का उपयोग किया जा सकता है। इसका पालन न करने पर कंपनियों को 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (लगभग 32 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

जनता का व्यापक समर्थन

एक हालिया YouGov सर्वे के अनुसार, इस कानून को 77% ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों का समर्थन प्राप्त है। कई मीडिया कंपनियां, जैसे ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन और रुपर्ट मर्डोक की न्यूज कॉर्प, इस पहल की सराहना कर रही हैं। न्यूज कॉर्प ने “लेट देम बी किड्स” अभियान शुरू किया, जिसमें बताया गया कि यह कदम बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाने में मदद करेगा।

आलोचना और युवाओं की चिंता

हालांकि, इस कानून को लेकर आलोचना भी हुई है। बच्चों के अधिकारों के समर्थकों का कहना है कि यह कानून बच्चों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाता है। वहीं, कई किशोरों ने अपनी चिंता जताई है कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध उनके दोस्तों और परिवार से जुड़े रहने के विकल्प खत्म कर देगा।

भविष्य की उम्मीदें

प्रधानमंत्री अल्बनीज़ ने बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए इस कदम को “आने वाली पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण” बताया। सरकार का मानना है कि यह कानून बच्चों की डिजिटल सुरक्षा के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।

इस कानून के लागू होने के बाद ऑस्ट्रेलिया, बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर दुनिया के सबसे अग्रणी देशों में शामिल हो जाएगा।