टोना-टोटका! काला जादू करने पर इस राज्य में होगी 7 साल की सजा; 50 हजार का जुर्माना भी

1

गुजरात में आए दिन आ रही नरबलि,अंध विश्वास और झाड़फूंक के नाम पर लूट की खबरों को देखते हुए गुजरात सरकार ने बड़ा फैसला किया है. इसी संबंध में गुजरात सरकार ने विधानसभा में इसे रोकने का बिल पेश किया है. कांग्रेस के समर्थन के बाद पास हुए इस बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा गया है.

टोना-टोटका, काला जादू और नरबलि को लेकर गुजरात सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने इस तरह की किसी भी तरह की शिकायत आने पर इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी से जांच कराने, आरोपियों को कम से कम 7 साल की सजा दिलाने के साथ ही इस अपराध को गैर जमानती घोषित कर दिया है.इस संबंध में बुधवार को राज्य की विधानसभा में बिल पेश किया गया. इस बिल पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी समर्थन किया. बिल पारित होने के बाद इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है.

राज्यपाल की मंजूरी के साथ यह यह बिल कानून बन जाएगा. काला जादू, मानव बलि जैसी अंधविश्वासी परंपरा और और अमानवीय प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए गुजरात सरकार ने बुधवार को विधानसभा में विधेयक पेश किया. इसमें प्रावधान किया गया है कि इस तरह का काम करने वालों को कम से कम 7 साल की सजा मिले. इसके साथ ही आरोपियों पर 50 हजार रुपए जुर्माने का भी प्रावधान है. विधेयक में यह व्यवस्था है कि इस तरह के आरोपियों को हर हाल में गिरफ्तार किया जाएगा और उन्हें तत्काल जमानत भी नहीं मिलेगी.

इस मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम की कोर्ट में होगी. गुजरात सरकार में गृहमंत्री हर्ष संघवी ने ‘गुजरात मानव बलि और अन्य अमानवीय, दुष्ट, अघोरी गतिविधि और काला जादू रोकथाम व उन्मूलन विधेयक-2024’ नाम से यह विधेयक मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा में पेश किया. इस बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस ने समर्थन किया. इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट में काला जादू संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि जल्द ही इस अमानवीय प्रथा पर रोक लगाने के लिए सरकार कानून बनाने वाली है.

इसी क्रम में सदन में बिल पेश करते हुए गृहमंत्री हर्ष संघवी ने पिछले दिनों हुई मानव बलि की घटनाओं के अलावा अमानवीय अनुष्ठानों का जिक्र किया. कहा कि इस तरह की घटनाओं पर कड़ा अंकुश लगना चाहिए. कहा कि बच्चों को ओझाओं को सौंपने, महिलाओं को डायन बताकर मारपीट करने या उनकी हत्या करने की घटना को इस बिल में जघन्य अपराध माना गया है. उन्होंने कहा कि अक्सर काला जादू के नाम पर ठगी एवं मारपीट या फिर नरबलि की घटनाएं सामने आती हैं.

ऐसे में सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इस तरह की घटनाओं को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए कड़ा से कड़ा कदम उठाए. उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रावधान किया गया है कि थाना स्तर पर राज्य सरकार की ओर से एक सतर्कता अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी.इस अधिकारी का मुख्य काम होगा कि वह ऐसे मामलों पर नजर रखे और इस तरह की सूचना मिलने पर संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए.