प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत-समृद्ध भारत’ के विजन के अनुरूप, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने विभिन्न संस्थानों के लिए शैक्षिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 101.27 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। ये संस्थान लगभग 1,05,818 लाख आबादी की जरूरत पूरा करेंगे, जिसमें 25 प्रतिशत से अधिक आबादी अल्पसंख्यक समुदायों से है।
उत्तराखंड राज्य के लिए स्वीकृत की गई ये सुविधाएं उच्च शिक्षा के महत्व को दर्शाती हैं। यह विश्लेषणात्मक मानसिकता, कौशल विकास, कैरियर उन्नति आदि के विकास में उच्च शिक्षा के योगदान का महत्व दर्शाता है, जिससे राज्य के युवाओं के शैक्षणिक और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
छात्रों की संपूर्ण शैक्षिक यात्रा के दौरान समावेशी और समग्र बुनियादी ढांचे के महत्व को मान्यता देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने कॉलेजों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इन परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
ReadAlso;गरीब कल्याण के 10 वर्ष: भारत के गरीब एवं वंचित लोगों का सशक्तिकरण
ये सुविधाएं सामुदायिक संपत्ति के रूप में भी कार्य करेंगी, जिससे शैक्षिक और सामाजिक दोनों ही गतिविधियों को शुरू करने के लिए एक मंच उपलब्ध होगा। यह राष्ट्रीय विकास में सहायता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विकसित भारत के विज़न 2047 के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।