गरीब कल्याण के 10 वर्ष: भारत के गरीब एवं वंचित लोगों का सशक्तिकरण

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10 Years of Garib Kalyan: Empowerment of India's poor and marginalized people
10 Years of Garib Kalyan: Empowerment of India's poor and marginalized people

पिछले एक दशक के दौरान भारत का आर्थिक सफर एक दमदार एवं उल्लेखनीय प्रगति से भरा रहा है। विकास की रफ़्तार तेज करने, वैश्विक चुनौतियों से निपटने और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने से साफ तौर पर पता चलता है कि देश उत्साह, नवाचार एवं महत्वाकांक्षा की भावना से ओतप्रोत है। मगर इस विकास को वास्तव में टिकाऊ बनाने, समावेशी बनाने और समृद्धि एवं हाशिए के बीच की खाई को ख़त्म करने की जरूरत है।

बाजार की ताकतें अक्सर वंचितों के सामने आने वाली चुनौतियों का अपने दम पर समाधान करने में विफल रहती हैं। व्यवस्था संबंधी बाधाएं, संसाधनों तक सीमित पहुंच और ऐतिहासिक असमानताएं व्यक्तियों एवं समुदायों को गरीबी व उपेक्षा के चक्र में फंसा सकती हैं। इससे निपटने के लिए अच्छी तरह से डिजाइन की गई नीतियों और योजनाओं की परिवर्तनकारी शक्ति की जरूरत दिखती है। यह खाई को पाटने के लिए एक पुल के रूप में कार्य करती है,सभी के लिए समान अवसर प्रदान करती है और हर किसी को न केवल जीवित रहने, बल्कि आगे बढ़ने के लिए सशक्त बनाती है।
व्यवस्था संबंधी इन्हीं बाधाओं को दूर करने के लिए भारत सरकार ने पिछले दस वर्षों में विभिन्न नीतियों और योजनाओं को लागू किया है। इन कार्यक्रमों ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों को लक्षित करते हुए उन्हें गरीबी के चक्र से मुक्त होने और देश के विकास में सक्रिय योगदान करने के लिए सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।

पिछले 10 वर्षों के दौरान गरीबों के जीवन एवं आजीविका में सुधार के लिए समर्पित और निरंतर प्रयास किए गए हैं।

• प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत हर महीने 80 करोड़ से अधिक परिवारों को मुफ्त अन्न मिल रहा है।
• प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी) के तहत 4 करोड़ से अधिक पक्के मकान बनाए गए हैं।
• सौभाग्य योजना के तहत 2.8 करोड़ घरों तक बिजली पहुंचाई गई है।
• सरकार द्वारा वित्त पोषित दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम आयुष्मान भारत – पीएम जन आरोग्य योजना के तहत द्वितीयक एवं तृतीयक देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये के बीमा कवर के साथ 55 करोड़ लाभार्थियों को लक्षित किया गया है।
• जल जीवन मिशन के तहत 14.50 करोड़ ग्रामीण परिवारों को (14 मार्च, 2024 तक) नल जल कनेक्शन प्रदान किया गया।
• पीएम उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन की बदौलत 10 करोड़ से अधिक महिलाएं अब आसानी से सांस ले रही हैं।
• स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगभग 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं, जिससे लाखों लोगों के जीवन में गरिमा एवं स्वच्छता आई है।
• लगभग 52 करोड़ जन धन खातों ने वित्तीय समावेशन के द्वार खोले और लोगों को औपचारिक प्रणाली में शामिल किया है।
• पीएम स्वनिधि योजना (14 मार्च, 2024 तक) के तहत 62 लाख से अधिक शहरी रेहड़ी-पटरी वालों को करीब 11,000 करोड़ रुपये का बिना किसी गारंटी के ऋण प्रदान किया गया है।

• दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत 13 मार्च, 2024 तक 10.04 करोड़ महिलाओं को 90.76 लाख स्वयं सहायता समूहों में शामिल किया गया है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले 9 वर्षों के दौरान करीब 25 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकल गए हैं जो विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता का प्रमाण है। इसके अलावा लाखों लोग स्वास्थ्य सेवाओं, कौशल विकास कार्यक्रमों और सस्ते आवास कार्यक्रमों तक पहुंच से लाभान्वित हुए हैं।

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परिणामस्वरूप, भारत बहुआयामी गरीबी को आधा करने के अपने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को 2030 से पहले हासिल कर सकता है। सबसे कमजोर एवं वंचित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता एवं समर्पण ने इस उपलब्धि को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हालांकि समावेशी विकास की दिशा में सफर अभी जारी है। मगर इसमें मौजूद जटिलताओं को पहचानते हुए सरकार अपने प्रयासों का लगातार मूल्यांकन एवं समीक्षा करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समावेशी विकास लक्षित लाभार्थियों तक कुशलतापूर्वक एवं प्रभावी तौर पर पहुंच सके।