यूपी की चर्चित आईएएस अधिकारी बी. चन्द्रकला के आवास पर सीबीआई छापों के बाद अब अवैध रेत खनन मामले की आंच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचती दिख रही है। अब वह सीबीआई के रेडार पर हैं और उनसे पूछताछ हो सकती है। सीबीआई के मुताबिक 2011 के बाद से यूपी के सभी खनन मंत्रियों से पूछताछ हो सकती है। बता दें कि 2012-13 में खनन मंत्रालय तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था।
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि मामले में अखिलेश यादव की भूमिका की भी जांच की जाएगी। मामले में सीबीआई उनसे पूछताछ भी कर सकती है। सीबीआई ने साल 2012-16 के खनन मंत्री के नाम लिए हैं। आपको बता दें कि अखिलेश यादव साल 2012 से 2013 तक उत्तर प्रदेश के सीएम होने के साथ खनन मंत्री भी थे।
CBI Sources on UP illegal mining case: From 2012 to 2013, Akhilesh Yadav was the Mining minister. All those who were ministers in that period, their role will be investigated. pic.twitter.com/p1WDdOYM77
— ANI UP (@ANINewsUP) January 5, 2019
ऐसे में मामले की आंच अखिलेश यादव तक भी पहुंच सकती है। फिलहाल अखिलेश के विधायक रमेश मिश्रा और उसके भाई दिनेश कुमार को सीबीआई ने मामले में आरोपी बनाया है। कानपुर के रहने वाले दिनेश कुमार एक कारोबारी हैं।
2 जनवरी को हुई थी एफआईआर
सीबीआई ने इस मामले में 11 सरकारी और कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। दरअसल 31.5.2012 को एक टेंडर हुआ था जो ई-टेंडर के मार्फत नहीं किया गया था। लिहाजा इस मामले को कोर्ट ने काफी गंभीरता से लेते हुए सीबीआई को जांच के निर्देश दिए थे।
आज सीबीआई ने कार्रवाई की है। आरोपियों का नाम आईएएस बी .चन्द्रकला और एक माइनिंग लीज होल्डर आदिल खान है। आईएएस बी.चंद्रकला के 1 लॉकर और दो खाते सीज किए गए हैं।
क्या है पूरा मामला
बी चंद्रकला पर हमीरपुर में जिलाधिकारी रहते हुए अवैध खनन व अपने चहेतों को पट्टे देने का आरोप है। इस संबंध में दो साल पहले हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया।