देश के बड़े चुनावी रणनीतिकार के तौर पर खुद को स्थापित कर चुके प्रशान्त किशोर पर कांग्रेस पार्टी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि पीके की टीम भ्रष्टाचार का अड्डा थी और अच्छा हुआ कि उनसे कांग्रेस का पीछा छूट गया।
दरअसल, गहलोत का यह बयान उस विवाद पर आया है जिसके तहत कांग्रेसी नेताओं को टिकट पक्का होने के फोन कॉल आ रहे हैं। राजस्थान में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और पार्टी में फिलहाल टिकटों को लेकर मंथन चल रहा है. ऐसे में ये बात सामने आई है कि दावेदारी पेश कर रहे कुछ नेताओं के पास कॉल्स आ रहे हैं और उनसे कहा जा रहा है कि टिकट के लिए सर्वे में आपका नाम सामने आ रहा है।
इस पर गहलोत ने दावा किया है कि ठगी के लिए नेताओं के पास जो फोन आ रहे हैं वो पीके की टीम के नाम से आ रहे हैं। अशोक गहलोत ने दावा किया कि ऐसे फोन कॉल कर कई लोगों से पैसे भी मांगे गए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे कॉल आने के बाद कुछ पदाधिकारी दिल्ली तक पहुंचे, जहां इस बात का पता चला।
प्रशांत किशोर की जो टीम यूपी में कांग्रेस की जीत के लिए विपक्षियों को चोट करने वाले नारे और रणनीतियां तैयार करती थी, उसी पर अशोक गहलोत ने ये गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पीके (प्रशान्त किशोर) की टीम का नाम लेकर फोन किया जा रहा है जो कि अब कांग्रेस के लिए काम नहीं करती है। आप सब लोग जानते हैं कि वह कहां चले गए हैं। पीके की टीम में पहले भी इस तरह की शिकायतें आई थीं। सर्वे के नाम पर पैसे लेने की बात आई थी। पीके की टीम भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई थी।
2014 में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी के लिए चुनावी कैंपेन का जिम्मा संभालने वाले प्रशांत किशोर बड़े रणनीतिकार के तौर पर जाने जाते हैं। बीजेपी के बाद वो 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए भी काम कर चुके हैं. इसके अलावा 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का हाथ मजबूत करने की जिम्मेदारी भी उन्हें मिली, लेकिन नतीजे काफी निराशाजनक रहे और कांग्रेस ने पीके से अपना दामन छुड़ा लिया।