उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में BJP को जीत मिली। जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने EVM को लेकर कई सवाल उठाए थे, जो अब तक बरकरार है। विपक्षी पार्टियों ने अगले लोकसभा चुनाव को EVM के बजाए बैलेट से करवाए जाने की मांग की है।
देश में एक साथ चुनाव कराने की चर्चा के चलते 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने आज सर्वदलीय बैठक ( All Party Meet) बुलाई है। जिसमें 58 पार्टियों के नेता शामिल होंगे। आयोग ने 7 राष्ट्रीय और 51 राज्य स्तरीय पार्टियों को चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक में आमंत्रित किया है। इसमें राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग के सामने मांग रखेंगी कि चुनाव EVM की बजाए बैलेट से कराएं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विपक्षी पार्टियों और निर्वाचन आयोग के बीच प्रस्तावित बैठक में अधिकतर पार्टियां अगले चुनावों में बैलेट पेपर की वकालत करेंगी।
सूत्रों की मानें तो बैठक में EVM से छेड़छाड़ और गड़बड़ी का मुद्दा उठने की आशंका है। इसके अलावा इसमें चुनाव आयोग आने वाले विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव, मतदाता सूची, राजनीतिक पार्टियों का खर्च, वार्षिक पोइंट रिपोर्ट समय पर जमा करने, पेड न्यूज, आचार संहिता का उल्लंघन, भड़काऊ भाषण सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा कर सकता है।
कांग्रेस ने मांग रखी कि चुनाव में करीब 30% वीवीपैट का इस्तेमाल हो, जबकि AAP ने 20% की मांग रखी। इसके अलावा कांग्रेस ने मांग की है कि स्क्रीन पर वोटिंग के बाद दृश्यता बढ़ाई जाए। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए, जबकि कई पार्टियों ने कहा कि चुनाव में केवल 6 महीने का समय बचा है इसलिए संभावना कम ही है। अब इस मुद्दे पर कांग्रेस अकेली पड़ती नज़र आ रही है।
कांग्रेस पार्टी इस बैठक में चुनाव आयोग को कई सुझाव समेत अपील कर सकती है कि चुनाव EVM की बजाय बैलेट पेपर से होने चाहिए। कैराना में उपचुनाव के दौरान गर्मी से मशीनें खराब हुई थीं, ऐसा नहीं होना चाहिए और वोटिंग मशीन में वोट देने का वक़्त 7 की जगह 10 सेकंड या उससे ज़्यादा होना चाहिए।
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