सरकार ने रद्द की अडानी समूह को दी गई खदान की लीज, नोटिस जारी

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राज्य सरकार ने शनिवार को एक नोटिस जारी करते हुए दंतेवाड़ा के बैलाडीला में अडानी इंटरप्राइजेज को जारी किया गया खनीज माइनिंग का आवंटन रद्द करने के लिए नोटिस जारी किया है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) को यह नोटिस जारी किया है। नोटिस में राज्य सरकार की ओर से एनएमडी सी से पूछा गया है कि खदान आवंटन के दो साल बाद भी आखिर यहां माइनिंग का काम शुरू क्यूं नहीं हुआ? पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने यह खदान अडानी समूह को आवंटित की थी।

छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाली राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी एनसीएल को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिसमें पूछा गया है कि दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा में कंपनी को लौह अयस्क खदान का आवंटन क्यों न रद्द किया जाए, जबकि आवंटन के दो साल बाद भी यहां खनन का काम शुरू नहीं हुआ है। इस खदान का आवंटन साल 2018 में किया गया था और अडानी इंटरप्राइजेज कंपनी को खदान डेवलपर और ऑपरेटर (एमडीओ) बनाया गया था।

भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अडानी समूह को यह बड़ी लौह अयस्क खदान आवंटित की थी। सरकारी जांच के बाद राज्य के वन विभाग द्वारा खदान के लिए दी गई वन मंजूरी पर भी पुनर्विचार किया जा रहा है, जिसमें ग्राम सभा की सहमति शून्य बताई गई है। कंपनी को इसी आधार पर माइनिंग विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस भी दिया जा रहा है। अदानी समूह के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि यह मामला ग्राम सभा सहमति विवाद से जुड़ा नहीं था।

साल 2014 में अडानी एंटरप्राइजेज को एमडीओ बनाने से बहुत पहले ग्राम सभा की सहमति ली गई थी। फिर किसने क्या किया, इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है।राज्य सरकार का यह कदम छत्तीसगढ़ के प्रमुख नौकरशाहों पर आयकर छापों की सुगबुगाहट के बाद आया है, जिसने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी थी। इस कार्रवाई के बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि यह केंद्र की भाजपा सरकार के ‘राजनीतिक प्रतिशोध” का नतीजा है क्योंकि राज्य सरकार पिछली भाजपा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के कथित कृत्यों की जांच कर रही थी। बघेल ने यह भी कहा कि यह संभव है कि ‘कॉर्पोरेट घराने”

जिन्हें पिछली सरकार द्वारा अनुचित लाभ मिला था, छापे के पीछे हो सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछली सरकार द्वारा कुछ निजी कंपनियों को दी गई रियायतें सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाती हैं।अडानी समूह को लेकर कांग्रेस पार्टी का रवैया हमेशा से विरोधी रहा है। राहुल गांधी अक्सर सत्तारूढ़ भाजपा पर अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी का समर्थन करने का आरोप लगाते रहे हैं। सीएम के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ समय बाद भूपेश बघेल ने ट्वीट किया था कि, यह नया छत्तीसगढ़ है, जहां अतीत के विपरीत, किसानों, आदिवासियों और आम नागरिकों की सरकार है, न कि कॉरपोरेट्स के लिए।