राजस्थान के सवाई माधोपुर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को एक रैली को संबोधित किया। जहां उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों की तुलना घर की दीमक से की। शाह ने कहा है कि ये दीमक हमारी चुनाव व्यवस्था को खाए जा रहा था, लेकिन हमने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के जरिए 40 लाख घुसपैठियों की पहचान की है।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया कि 2019 के आम चुनावों में बीजेपी एक बार फिर बड़ी जीत हासिल करेगी और इसके बाद एक-एक घुसपैठियों को चुन-चुन कर मतदाता सूची से बाहर निकालेगी। उन्होंने कहा कि यूपीए के लिए देश की सुरक्षा कोई महत्व नहीं रखती।
अमित शाह से पहले बीजेपी महासचिव राम माधव भी कह चुके हैं कि 1985 में हुए ‘असम समझौते’ के तहत एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है, जिसके तहत सरकार ने राज्य के सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाकर उन्हें देश से बाहर निकालने के बारे में अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी।
राम माधव ने कहा था कि एनआरसी से सभी अवैध प्रवासियों की पहचान हो सकेगी। अगले पड़ाव में अवैध प्रवासियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे और उन्हें सभी सरकारी लाभों से वंचित कर दिया जाएगा। इसके बाद अवैध प्रवासियों को देश से बाहर कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की ड्राफ्ट सूची 30 जुलाई को प्रकाशित हुई थी, जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे। इस मसौदे में 40,70,707 लोगों के नाम नहीं थे.
इतनी बड़ी संख्या में लोगों के नाम इस सूची में शामिल नहीं होने से देश की राजनीति गर्मा रही है। जिसके बाद सरकार की तरफ से सफाई दी गई कि यह मसौदा सूची मात्र है और अंतिम सूची आना अभी बाकी है। एनआरसी की अंतिम सूची 31 दिसंबर 2018 को जारी होनी है, उससे पहले लिस्ट में छूटे व्यक्ति अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं।