: आर्थराइटिस यानि की गठिया रोग या जोड़ो का दर्द। आज की बदलती जीवनशैली, मोटापा, गलत खानपान आदि जैसी वजहों से ये रोग अब केवल बुजुर्गो में ही नही युवाओं में भी यह रोग देखने को मिला है। बहुत लोग समय–समय पर अपने बदन में दर्द और अकड़न महसूस करते हैं। कभी–कभी उनके हाथों, कंधों और घुटनों में भी सूजन और दर्द रहता है तथा उन्हें हाथ हिलाने में भी तकलीफ होती है। ऐसे में लोगों को अर्थराइटिस होने का खतरा हो सकता है।
ठंड के मौसम में गठिया के मरीज़ों को अधिक परेशानी होती है इसलिए उन्हें ठंड से बचने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। इस बीमारी में चिकित्सक आहार पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं क्योंकि आप जो भी खाते हैं वो सीधा आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
जानें क्या है आर्थराइटिस
अर्थराइटिस जोड़ों के ऊतकों की जलन और क्षति के कारण होता है । जलन के कारण ही ऊतक लाल, गर्म, दर्दनाक और सूज जाते हैं। यह सारी समस्या बताती है कि आपके जोड़ों में कोई समस्या है। कुछ तरह के अर्थराइटिस में जोड़ों को बहुत ज्यादा नुकसान होता है।
बच्चों में भी हो सकता है सोरियाटिक आर्थराइटिस का खतरा
सोरियाटिक एक प्रकार का आर्थराइटिस ही है, जो सोरायसिस नामक रोग से ग्रस्त लोगों को प्रभावित करता है। सोरायसिस होने पर त्वचा पर लाल धब्बे पड़ जाते हैं, जिन पर सफेद दाने भी हो सकते हैं। यह बीमारी तब होती है, जब शरीर के जोड़ों के आसपास सूजन हो जाती है। अब बच्चों में भी सोरियाटिक आर्थराइटिस के मामले बढ़े हैं।
सोरियाटिक गठिया त्वचा और नाखून रोग होता है। इसमें लाल और परतदार चकत्ते नजर आते हैं। इस रोग के लक्षण रूमटॉइड गठिया के समान होते हैं। इसमें भी जोड़ो में सूजन हो जाती है। हालांकि सोरियाटिक गठिया रूमटॉइड गठिया की तुलना में जोड़ों को कम प्रभावित करती है। और टिपिकल रूमटॉइड गठिया एंटीबॉडी का उत्पादन भी नहीं करता।
ये हैं आर्थराइटिस के लक्षण
शुरुआत में मरीज को बार-बार बुखार आता है, मांसपेशियों में दर्द रहता है, हमेशा थकान और टूटन महसूस होती है, भूख कम हो जाती है और वजन घटने लगता है। शरीर के तमाम जोड़ों में इतना दर्द होता है कि उन्हें हिलाने पर ही चीख निकल जाए, खासकर सुबह के समय। इसके अलावा शरीर गर्म हो जाता है, लाल चकत्ते पड़ जाते हैं और जलन की शिकायत भी होने लगती है। जोड़ों में जहां-जहां दर्द होता है, वहां सूजन आना भी इस बीमारी में आम है। जोड़ों के इर्द-गिर्द सख्त गोलाकार गांठें जैसी उभर आती हैं, जो हाथ पैर हिलाने पर चटकती भी हैं। शरीर के किसी भी अंग को हिलाने पर दर्द, जलन और सूजन की तकलीफ झेलनी पड़ती है।
अर्थराइटिस में यें फल व सब्जियां खाएं
आर्थराइटिस से बचाव के लिए आपके आहार में ग्लूयकोसामीन और कांड्रायटिन सल्फेवट होना चाहिए। ग्लूसकोसामीन और कांड्रायटिन सल्फेआट हड्डियों और कार्टिलेज के लिए अच्छें होते हैं। अपने आहार में 25 प्रतिशत फल व सब्जि़यों को शामिल करें और ध्यान रखें कि आपको कब्ज़ ना हो। फलों में सन्तरे, मौसमी, केले, सेब, नाश्पाती, नारियल, तरबूज़ और खरबूज़ आपके लिए अच्छे हो सकते हैं। सब्जि़यों में मूली, गाज़र, मेथी, खीरा, ककड़ी आपके आदि लें। चोकरयुक्त आटे का प्रयोग करें क्योंकि इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है ।
आर्थराइटिस के दर्द से राहत पहुंचाने वाले घरेलू नुस्खे
दर्द के समय आप सन बाथ ले सकते हैं। 5 से 10 ग्राम मेथी के दानों का चूर्ण बनाकर सुबह पानी के साथ लें। 4 से 5 लहसुन की कलियों को एक पाव दूध में डालकर उबालकर पीयें। लहसुन के रस को कपूर में मिलाकर मालिश करने से भी दर्द से राहत मिलती है। लाल तेल से मालिश करना भी आरामदायक होता है। गर्म दूध में हल्दीर मिलाकर दिन में दो से तीन बार पीयें। सोने से पहले दर्द से प्रभावित क्षेत्र पर गर्म सिरके से मालिश करें। शरीर में पानी की मात्रा संतुलित रखें। जोड़ों के दर्द से बचने के लिए सबसे अच्छा। योगासन है गोमुखआसन।