हस्तरेखा शास्त्र में कुल 7 प्रमुख पर्वत होते हैं। प्रत्येक पर्वत व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है..
1. शनि पर्वत (Saturn Mount):
यह मध्यमा उंगली के नीचे स्थित होता है।
इसका महत्व: बाधाओं,अनुशासन, जिम्मेदारी, और गंभीरता को दर्शाता है,इससे धन भी देखते है।
2. सूर्य पर्वत (Sun Mount):
यह अनामिका (रिंग फिंगर) के नीचे स्थित होता है।
इसका महत्व: सफलता, प्रसिद्धि, रचनात्मकता और कला के प्रति रुचि को दर्शाता है। सूर्य पर्वत उन्नत हो तो व्यक्ति जीवन में प्रसिद्धि और सफलता प्राप्त करता है।
3. बुध पर्वत (Mercury Mount):
यह छोटी उंगली के नीचे स्थित होता है।
इसका महत्व: व्यापारिक कौशल, बुद्धिमत्ता, संचार और सामाजिक कौशल को दर्शाता है। अगर यह उन्नत हो, तो व्यक्ति अच्छा वक्ता और व्यापारी होता है।
4. गुरु पर्वत (Jupiter Mount):
यह तर्जनी उंगली के नीचे स्थित होता है।
इसका महत्व: नेतृत्व क्षमता, महत्वाकांक्षा, आत्म-विश्वास, और आध्यात्मिकता को दर्शाता है। गुरु पर्वत उन्नत हो तो व्यक्ति में नेतृत्व और मार्गदर्शन की क्षमता होती है।
5. चंद्र पर्वत (Moon Mount):
यह हथेली के निचले हिस्से में छोटी उंगली की तरफ स्थित होता है।
इसका महत्व: कल्पनाशक्ति, भावनात्मक गहराई, और रचनात्मकता को दर्शाता है। चंद्र पर्वत उन्नत हो तो व्यक्ति में रचनात्मकता और आध्यात्मिकता अधिक होती है।
6. मंगल पर्वत (Mars Mount):
मंगल पर्वत दो हिस्सों में बंटा होता है:
उच्च मंगल: यह गुरु पर्वत के नीचे अंगूठे के पास होता है, जो साहस और ऊर्जा का प्रतीक है।
निम्न मंगल: यह शुक्र पर्वत और चंद्र पर्वत के बीच हथेली के दूसरी तरफ स्थित होता है, जो संघर्ष और सहनशीलता का प्रतीक है।
मंगल पर्वत साहस, ऊर्जा, और आक्रामकता को दर्शाता है। अगर यह उन्नत हो, तो व्यक्ति साहसी और आत्मविश्वासी होता है।
7. शुक्र पर्वत (Venus Mount):
यह अंगूठे के नीचे, हथेली के सबसे निचले हिस्से में स्थित होता है।
इसका महत्व: प्रेम, सौंदर्य, जीवन की भोग विलासिता और आकर्षण को दर्शाता है। शुक्र पर्वत उन्नत हो तो व्यक्ति आकर्षक और जीवन का आनंद लेने वाला होता है।