व्हाट्सऐप ने भारत के कई बड़े अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन दिया है। व्हाट्सऐप ने इस विज्ञापन में व्हाट्सऐप पर आने वाली फर्जी खबरों को पहचानने के तरीके बताए हैं। व्हाट्सऐप ने अपने विज्ञापन का शीर्षक ‘अफवाहों और झूठी खबरों को WhatsApp पर फैलने से रोकने में मदद कीजिए’ रखा है।
ऐसी खबरें पहचानिये जो झूठी (फेक) हो सकती हैं- ऐसे संकेतों की जांच कीजिए जिनसे यह तय करने में मदद मिले कि जानकारी सच या झूठ, उदाहरण के लिए, फॉरवार्डेड मैसेजेस जिनका स्रोत ना हो, प्रमाण ना हो या ऐसे मैसेज जिनसे आपको गुस्सा आए। ऐसे मैसेज इस बात का संकेत हो सकते हैं कि वे सच नहीं है। फोटो, वीडियो और यहां तक कि वॉयस रिकॉर्डिंग भी एडिट की जा सकती है ताकि आपको गुमराह किया जा सके।
अन्य स्रोतों से भी उसकी जांच कर लें – सच्चाई जानने के लिए ऑनलाइन सर्च कीजिए और भरोसेमंद समाचार की वेबसाइट्स से यह पता कीजिए यह स्टोरी कहां से आई है। अगर फिर भी शक हो तो सच्चाई जांटने वाली वेबसाइट्स भरोसेमंद लोगों या कम्युनिटी लीडर्स से अधिक जानकारी हासिल करें।
अफवाहों को फैलने से रोकिए – अगर आपको लगता है कि कुछ फर्जी या फेक है तो लोगों से कहिए कि वे जानकारी शेयर करने से पहले उसकी जांच कर लें।ष मैसेज को सिर्फ इसलिए शेयर ना करें क्योंकि कोई आपको शेयर करने के लिए कह रहा है। भले ही वे आपके मित्र ही क्यों ना हों।
कुछ महीने पहले भी व्हाट्सऐप ने फर्जी खबरों को रोकने के लिए विज्ञापन जारी किए थे। उस विज्ञापन में भी लोगों से फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए अपील की गई थी।