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उत्तरप्रदेश में बिजली कंपनियां अब ले सकती है सात हजार तक का लोन

उत्तरप्रदेश में बिजली कंपनियां व विद्युत वितरण निगम अब सात  हजार करोड़ रुपये तक का अधिकतम लोन ले सकेंगी। वहीं इसकी मदद से आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत केंद्रीय विद्युत उत्पादकों, केंद्रीय पारेषण उत्पादकों, आइपीपी व आरई जनरेटर की 30 जून 2020 के देयकों का भुगतान कर सकेंगी।

कैबिनेट ने अतिरिक्त विशेष दीर्घकालीन ट्रांजिशनल ऋण की अधिकतम धनराशि सात हजार करोड़ रुपये आरईसी, पीएफसी एवं बैंकों से पावर कारपोरेशन व विद्युत वितरण निगमों द्वारा प्राप्त किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यही नहीं पावर कारपोरेशन लिमिटेड एवं सहयोगी विद्युत वितरण निगमों द्वारा लिए जाने वाले ऋण के आहरण के लिए राज्य सरकार द्वारा कुल ऋण के ब्याज एवं अन्य देयों सहित संपूर्ण भुगतान के लिए शासकीय गारंटी उपलब्ध कराने तथा विषम परिस्थितियों को देखते हुए गारंटी शुल्क माफ किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। राज्य सरकार की ओर से आवश्यक वचनबद्धताएं, कार्य योजना निर्गत करने तथा चतुर्पक्षीय अनुबन्ध हस्ताक्षरित करने के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा अपर मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग को अधिकृत किए जाने का निर्णय भी लिया गया है।

बिना मकान या कच्चे जर्जर मकानों आवासों में रहने वाले सहरिया, कोल व थारू समुदाय के गरीब परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत अब पक्के मकान उपलब्ध कराए जा सकेंगे। योगी सरकार ने गरीबी के दृष्टिकोण से इन समुदाय के पात्र लाभार्थियों को मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की पात्रता श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया है। इसके लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के दिशानिर्देशों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के दिशानिर्देशों में समय-समय पर आवश्यक संशोधन करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने का भी निर्णय लिया गया है।

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