थराली आपदा पर उत्तराखंड हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चमोली जिले के थराली क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा को लेकर राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। अदालत ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि अब तक आपदा पीड़ितों को कौन-कौन सी राहत और पुनर्वास सुविधाएं प्रदान की गई हैं। न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई से पहले विस्तृत रिपोर्ट पेश करे।

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया। याचिका में कहा गया था कि थराली क्षेत्र में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से कई गांवों में भारी तबाही हुई, अनेक घर क्षतिग्रस्त हुए और कई परिवार बेघर हो गए। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि राहत कार्यों में देरी और मुआवजा वितरण में अनियमितताएं हैं, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं।

अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि अब तक कितने परिवारों को राहत राशि प्रदान की गई है, कितनों का पुनर्वास किया गया है और क्या अस्थायी आश्रय स्थलों पर पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही, न्यायालय ने निर्देश दिया कि राहत वितरण और पुनर्वास कार्यों में पूरी पारदर्शिता रखी जाए और प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाएं तुरंत मुहैया कराई जाएं।

सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं। प्रभावित परिवारों को अंतरिम सहायता राशि दी जा चुकी है और स्थायी पुनर्वास की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में भू-वैज्ञानिक सर्वे कराया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि आपदा पीड़ितों के पुनर्वास में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रभावित लोगों के जीवन और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

इस मामले की अगली सुनवाई निर्धारित तिथि पर होगी, जिसमें अदालत राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की समीक्षा करेगी।