गर्मी से आखों में हो रही जलन को घरेलू उपायों से करें ठीक

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भारत में बढ़ती गर्मी से सब परेशान है और गर्मी में चलने वाली गर्म हवाएं हमारे स्वास्थ्य में परिवर्तन ला सकती है, जो हमारे शरीर को प्रभावित भी करते है। गर्मी में चलने वाली लू हमारी आंखों को काफी प्रभावित करती है। गर्मियों में अक्सर आंखों में जलन, खुजली, रेडनेस और आंखों से पानी आना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तेज धूप में बिना आंखों को कवर किए निकलना हमारी आंखों के लिए काफी समस्या पैदा कर सकता है। यदि आपको इस भीषण गर्मी में आंखों में लालिमा की समस्या हो रही है, तो आपको इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपकी आंखों की रेडनेस की समस्या को ठीक कर सकते हैं-

खीरा

खीरे में कूलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जिससे आंखों को ठंडक मिलती है। साथ ही, यह आंखों की पफीनेस और सूजन को ठीक करने में भी मदद करेगा। इसका इस्तेमाल करने के लिए आप खीरे के टुकड़ों को अपनी आंखों के ऊपर रख लें। 20 मिनट तक रखा रहने के बाद टुकड़ों हटा दें और अपनी आंखों को ठंडे पानी से धो लें। यह प्रक्रिया आप दिन में 2 बार तक दोहरा सकते हैं।

टी-बैग

टी-बैग यूज़ करने से भी आपकी आंखों की रेडनेस दूर हो सकती है। इसके लिए टी-बैग लें और उसे पानी में डुबो लें। इसके बाद उस बैग को फ्रिज में रखकर जमा लें। अब इससे अपनी आंखों की सिकाई करें। रेडनेस तेजी से दूर होगी।

गुलाब जल

गुलाब जल हमारी आंखों की हेल्थ के लिए काफी अच्छा घरेलू उपाय साबित होता है। यदि आपकी आंखें थकान और जलन के साथ लाल दिखाई दे रही हैं, तो आपको अपनी आंखों में 2-2 बूंद गुलाब जल जरूर डालना चाहिए। यह आपकी आंखों को ठंडक देने के साथ-साथ क्लीन भी रखता है।

आइस पैक

अगर गर्मी में आपकी आंखें लाल हो जाती हैं, तो इससे राहत पाने के लिए आपको अपनी आंखों को आइस पैक से सिकाई करनी चाहिए। इसके लिए आप बर्फ का एक टुकड़ा लेकर उसे कॉटन के रुमाल में बांध लें। इस आइस पैक से आंखों की 10 मिनट तक सिकाई करें। यह आपकी आंखों को ठंडक पहुंचाता है और रेडनेस को दूर करता है।

हमारे द्वारा दी गयी जानकारी घरेलू उपायों और इंफॉर्मेशनल उद्देश्यों के आधार पर बताई जा रही है। इसे किसी डॉक्टर की सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी विशेष बिमारी के लिए किसी विशेषज्ञ और डॉक्टर का परामर्श जरुरी है। डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरु की जानी चाहिए।