रेस्क्यू का आज 16वां दिन, चौतरफा अभियान जारी

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निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार कोई न कोई बाधा आने से सफलता नहीं मिल रही। रेस्क्यू का आज 16वां दिन है।

सिलक्यारा सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जारी है। अभी तक 30 मीटर तक ड्रिलिंग कर ली गई है। वहीं सुरंग के अंदर फंसे ऑगर मशीन के ऑगर (बरमे) को बाहर निकाल लिया गया है। अब यहां मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा, जो कि भारतीय सेना की इंजीनियरिंग बटालियन मद्रास सेपर्स की निगरानी में आगे बढे़गा। यहां मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए रैट माइनिंग विधि अपनी जाएगी, जिसमें छोटी-छोटी सुरंगे खोदी जाती हैं, कोयले की खदान में इस तरह की सुरंगें बनाई जाती है।

सिलक्यारा सुरंग के ऊपर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड(एसजेवीएनएल) की टीम ने वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की। यहां 1.5 मीटर व्यास में ड्रिल मशीन की रिक से ड्रिलिंग शुरु की। जिससे दोपहर बाद तक 15 मीटर तक ड्रिलिंग शुरु कर दी है। एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद ने बताया कि सुरंग के ऊपर एसजेवीएनएल की टीम से 1.2 मीटर व्यास में वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी है। कुल 86 मीटर तक ड्रिलिंग होनी है। जिसमें दो दिन का समय लग सकता है। बताया कि एक ड्रिलिंग रिक की क्षमता 40 मीटर ड्रिल की है। जिसके बाद रिक को बदला जाएगा।

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