मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को बुधवार तड़के पत्र भेजकर छह मंत्रियों के त्यागपत्र को स्वीकार करने में ‘‘निष्पक्ष, साहसपूर्ण एवं शीर्घ’’ निर्णय लेने के लिए उनकी प्रशंसा की है। इसके साथ ही राज्यपाल टंडन ने प्रजापति को लिखा है, ‘‘आपने पत्र में विधायकों की सुरक्षा की मांग की है। प्रदेश के सभी नागरिकों की सुरक्षा का दायित्व कार्यपालिका का है और आप उससे ही सुरक्षा चाहते होंगे किन्तु त्रुटिवश यह पत्र मुझे प्रेषित हुआ प्रतीत होता है।’’
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी के 22 विधायकों ने अपना त्यागपत्र दे दिया था। इससे प्रदेश की 15 माह पुरानी कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए हैं जबकि 16 विधायकों के त्यागपत्र पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। टंडन ने अपने पत्र में प्रजापति द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ आपके 17 मार्च 2020 के पत्र में विधायकों की अनुपस्थिति के कारण उनकी सुरक्षा के संबंध में आपकी चिंता की मैं सराहना करता हूं। इस संबंध में पिछले 8-10 दिनों से आप जिस पीड़ा से गुजर रहे होंगे, उसका भी मुझे अंदाजा हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि हालांकि इन दिनों में इस बारे में सदस्यों की बारे में जानकारी प्राप्त करने बाबत आपके द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख पत्र में नहीं है। फिर भी निश्चत रुप से आपने समुचित प्रयास किए होंगे। राज्यपाल ने लिखा, ‘‘जहां तक सदस्यों के त्यागपत्र स्वीकार किए जाने की बात है, मैं आपके द्वारा 22 में से छह विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार किए जाने के निष्पक्ष, साहसपूर्ण एवं शीघ्र किये गए निराकरण की भी प्रशंसा करता हूं। आप अध्यक्ष होने के नाते भली भांति अवगत होंगे कि किसी सदस्य के इस्तीफे को स्वीकार करने की प्रक्रिया अथवा
विधानसभा की बैठक आहूत होने के बाद बिना सूचना के अनुपस्थित होने पर किस विधिक प्रक्रिया का पालन कर क्या कार्यवाही की जानी चाहिए। हालांकि विधायकों के त्यागपत्र आवेदन के निराकरण में आपको हो रहे असमंजस का भी मुझे आभास है।’’ तथाकथित लापता विधायकों के बारे में टंडन ने कहा कि वे लगातार उन्हें और अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं लेकिन किसी पत्र में उन्होंने यह उल्लेख नहीं किया कि वे कहां है तथा अपनी किसी समस्या का भी उल्लेख विधायकों ने नहीं किया है।
टंडन ने कहा कि इन विधायकों के पत्र और वीडियो अखबारों, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया में भी लगातार प्रकाशित हो रहे हैं और अब वे उच्चतम न्यायालय भी पहुंच गए हैं। राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को यह भी लिखा है, ‘‘मुझसे कुछ प्रश्नों के उत्तर की अपेक्षा की गई है। उक्त अपेक्षा निश्चित ही किसी नियमावली के तहत होगी और आपने उसका अवलोकन किया होगा। कृपया संबंधित नियमावली मुझे प्रेषित करने का कष्ट करें।’’