भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर फिर शुरू हुई बातचीत, नई दिल्ली में पहुंचे अमेरिकी प्रतिनिधि

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भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से ठंडे पड़े द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत एक बार फिर तेज़ हो गई है। ट्रंप प्रशासन के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल सोमवार देर रात नई दिल्ली पहुंचा। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब रूस से तेल खरीदने को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ (जिसमें 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ शामिल है) लगाने का ऐलान किया था, जिससे दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था।

अब तक बीटीए पर पांच दौर की औपचारिक वार्ता हो चुकी है। छठा दौर 25 अगस्त को होना था, लेकिन टैरिफ विवाद के चलते इसे स्थगित कर दिया गया। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि मंगलवार की बैठक को औपचारिक छठा दौर नहीं माना जाएगा, बल्कि इसे भविष्य की दिशा तय करने के लिए अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है। भारत की ओर से वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल इस बातचीत का नेतृत्व करेंगे।

ब्रेंडन लिंच दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि हैं। वे 15 देशों के लिए अमेरिकी व्यापार नीति के विकास और क्रियान्वयन की देखरेख करते हैं। साथ ही वे अमेरिका-भारत व्यापार नीति फोरम (TPF) और ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट फ्रेमवर्क एग्रीमेंट (TIFA) के तहत गतिविधियों का समन्वय भी करते हैं।

तनाव के बाद फिर बढ़ी नजदीकी

टैरिफ विवाद और कड़े बयानों के चलते पिछले कुछ हफ्तों में दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। हालांकि हाल के दिनों में दोनों तरफ से नरम रुख अपनाया गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी की सराहना की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर लिखा कि “भारत और अमेरिका व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं… मुझे विश्वास है कि दोनों देश सफल निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणी का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं। हमारी व्यापार वार्ताएं दोनों देशों की साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करेंगी।”

विशेषज्ञों का मानना है कि मंगलवार की वार्ता भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में नई ऊर्जा भर सकती है। भले ही यह औपचारिक छठा दौर नहीं है, लेकिन इससे आने वाले दिनों में समझौते की संभावनाओं पर स्थिति और साफ हो सकती है।