प्रयागराज बुधवार को मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम तट पर स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। हादसे में कई श्रद्धालुओं के घायल होने की खबर है। हालांकि, मेला प्राधिकरण की ओएसडी आकांक्षा राणा ने अभी तक किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
भीड़ के कारण स्थिति बेकाबू
महाकुंभ में इस बार 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। संगम तट पर स्नान के लिए उमड़ी भीड़ के बीच अचानक अफरा-तफरी मच गई, जिससे सैकड़ों लोग कुचल गए।
घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। प्रशासन ने एंबुलेंस की दो दर्जन से अधिक गाड़ियों को मौके पर भेजा है। हालांकि, भारी भीड़ के चलते मरीजों को अस्पताल तक ले जाने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
कैसे हुआ हादसा?
बताया जा रहा है कि स्नान घाट के पास भीड़ में अचानक बेचैनी फैल गई। कुछ महिलाएं बेहोश होकर गिर गईं, जिसके बाद भगदड़ मच गई। घबराए श्रद्धालु एक-दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने संगम क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर दी है और श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे संगम नोज की ओर न जाएं। मेला प्रशासन द्वारा बार-बार अनाउंसमेंट किया जा रहा है कि स्नान के बाद श्रद्धालु जल्द से जल्द अपने स्थान पर लौट जाएं।
राहत एवं बचाव कार्य जारी
चश्मदीदों के अनुसार, पूरे क्षेत्र में सिर्फ एंबुलेंस की आवाजें सुनाई दे रही हैं। घायलों को तुरंत महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पहुंच चुके हैं और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस भगदड़ के कारण महाकुंभ में मची अव्यवस्था ने प्रशासन के इंतजामों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।