
लद्दाख के शिक्षा सुधारक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। उनकी पत्नी गीतांजलि वांगचुक ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी की वैधता पर सवाल उठाए हैं और तत्काल राहत की मांग की है।
गीतांजलि की याचिका में कहा गया है कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उनका तर्क है कि बिना किसी ठोस सबूत के उन्हें हिरासत में रखना न केवल अन्याय है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी प्रहार है।
गौरतलब है कि सोनम वांगचुक को हाल ही में लद्दाख में एक प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था। वह लंबे समय से पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थितिकी संतुलन और स्थानीय लोगों के अधिकारों को लेकर सक्रिय रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद से ही लद्दाख के साथ देशभर में कई संगठन और बुद्धिजीवी इसका विरोध कर रहे हैं।
याचिका में यह भी कहा गया है कि वांगचुक शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे और किसी तरह की हिंसा या सार्वजनिक अव्यवस्था में शामिल नहीं थे। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी न्यायसंगत नहीं ठहराई जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर जल्द सुनवाई की संभावना जताई है। अब सभी की निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी हैं कि क्या सोनम वांगचुक को न्याय और राहत मिल पाती है या नहीं।