इतनी सुरक्षा फिर भी दीदी पे हमला या फिर चुनावी स्टंट बीजेपी ने उठाये सवाल

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए हमले की जांच शुरू हो चुकी  है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में प्रचार-प्रसार के  दौरान हादसे का शिकार हो गई| हादसे में ममता बनर्जी को काफी चोट लगी है| उनके पैर, कंधे और हाथ में चोट आई है| ममता बनर्जी को ईलाज के लिए कोलकाता लाया गया है| वहीं ममता बनर्जी ने इस हादसे को लेकर हमले का आरोप लगाया है|  ममता ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने उन्हे धक्का दिया और जबरदस्ती उनकी कार का दरवाजा बंद करने की कोशिश की|  ममता बनर्जी पर हुए हमले को लेकर जांच शुरू कर दी गई है| साथ ही ममता बनर्जी के सभी कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया गया है|इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने भी कई गंभीर सवाल उठाए हैं. बीजेपी ने ममता बनर्जी की सुरक्षा में तैनात एडीजी स्तर के दो अधिकारियों विवेक सहाय और ज्ञानवंत सिंह पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थानीय पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि घटना स्थल पर कोई  भी स्थानीय पुलिसकर्मी  मौजूद नहीं था.बीजेपी ने कहा कि ममता के समर्थन में भीड़ जुटाने के लिए डीएम और एसपी पुलिस स्टेशन में मीटिंग कर रहे थे.बीजेपी ने जिन दो आईपीएस अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है, उसमें एक विवेक सहाय (डायरेक्टर, सुरक्षा) और दूसरे ज्ञानवंत सिंह (एडिशनल डायरेक्टर, सुरक्षा) हैं. दोनों एडीजी रैंक के अफसर हैं, जबकि पूर्व मिदनापुर के एसपी प्रवीण प्रकाश हैं. इस मामले में चुनाव आयोग ने कल (शुक्रवार) शाम 5 बजे तक रिपोर्ट तलब की है.

बीजेपी का कहना है कि विवेक सहाय सीएम की सुरक्षा के प्रभारी अधिकारी हैं और ज्ञानवंत सिंह टीम का भी हिस्सा हैं, चुनावों की घोषणा के बाद दोनों अधिकारियों को ममता की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया था, ममता के पास अन्य स्थानीय पुलिस को जाने की अनुमति नहीं है, इससे पहले कि चुनाव आयोग ने डीजीपी वीरेंद्र को हटा दिया था. इस मामले में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि एक पुरानी कहावत है कि अजीब लोग हैं, क्या-क्या बातें छिपाते हैं, कहीं पर चोट लगी है, कहीं बताते हैं, चोट उनको लगी है कि नहीं, पैर फिसला है कि नहीं, फिसला है जमीन पर गिरी हैं कि नहीं गिरी हैं, लेकिन ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल में जमीन जरूर खिसक गई है. मुख्तार अब्बास नकवी ने आजतक से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग इस पूरे मामले में जांच कर रहा है और सच्चाई सामने आएगी, लेकिन एक बात यह सच है कि यह पुराना और सबसे एक्सपायर फार्मूला है, जिसका इस्तेमाल ममता बनर्जी की तरफ से किया जा रहा है. इन एक्सपायरी दवाओं से काम नहीं चलता है. ममता पर हमले के बाद चुनाव आयोग ने तीन अफसरों से घटना की  अलग-अलग रिपोर्ट मांगी हैं.मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए हमले की जांच शुरू हो गई है. मिठाई की दुकान के मालिक निमाई मैती से पूछताछ करने के लिए नंदीग्राम पूर्ब के डीएम विभू गोयल और एसपी मौके पर पहुंच गए हैं.