सऊदी अरब ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में भेजे लड़ाकू विमान

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सऊदी अरब की दो दिवसीय राजकीय यात्रा का शुभारंभ अत्यंत विशेष और ऐतिहासिक अंदाज में हुआ। जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी का विमान सऊदी हवाई क्षेत्र में दाखिल हुआ, रॉयल सऊदी वायु सेना के एफ-15 फाइटर जेट्स ने उन्हें घेरकर सुरक्षा दी और स्वागत किया। यह एक विशेष सम्मान है, जिसे भारतीय विदेश मंत्रालय ने “स्पेशल जेस्चर” बताते हुए ट्विटर पर साझा किया।

विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजकीय यात्रा के विशेष सम्मान के रूप में, उनके विमान को सऊदी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही रॉयल सऊदी वायु सेना द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई।” सऊदी अरब की अपनी इस यात्रा से पूर्व, प्रधानमंत्री मोदी ने एक विशेष साक्षात्कार में ‘अरब न्यूज’ से बातचीत करते हुए सऊदी अरब को भारत का “सबसे मूल्यवान साझेदार, एक समुद्री पड़ोसी, विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक सहयोगी” करार दिया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह समय भारत-सऊदी संबंधों के लिए अत्यंत आशाजनक है। “हम न सिर्फ अपने हितों के लिए, बल्कि पूरे विश्व की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए एक साथ मिलकर काम करेंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत और सऊदी अरब द्विपक्षीय निवेश संधि पर काम कर रहे हैं, जो दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता, भारत और पूरे क्षेत्र के आर्थिक संबंधों को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखता है।”

PM मोदी ने सऊदी क्राउन प्रिंस की प्रशंसा की

प्रधानमंत्री ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण और सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शहजादे की दूरदर्शिता, अपनी जनता के प्रति समर्पण और क्षेत्र के विकास के प्रति जुनून ने उन पर गहरी छाप छोड़ी है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें सऊदी अरब की ‘विजन 2030’ और भारत की ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण के बीच गहरा सामंजस्य नजर आता है। यह समान लक्ष्य और सोच हमारी साझेदारी को और मजबूत बनाएगी।” प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी याद दिलाया कि 2014 में उनके कार्यभार संभालने के बाद से भारत-सऊदी संबंधों में उल्लेखनीय मजबूती आई है। “2019 में रणनीतिक साझेदारी परिषद का गठन हमारे संबंधों में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ है। तब से हमारे बीच सहयोग ऊर्जा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी और निवेश जैसे अनेक क्षेत्रों में गहराया है — और यह तो सिर्फ शुरुआत है,”