मालेगांव धमाका मामले में सात आरोपियों पर आतंकवाद की साजिश रचने का आरोप तय किया गया है। एनआईए कोर्ट ने आरोपियों पर हत्या और अन्य अपराध का आरोप भी दर्ज किया है।आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी की धाराओं के तहत इन पर मुकदमा चलेगा।
इससे पहले सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कर्नल पुरोहित की उनके खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपियों पर मंगलवार को आरोप तय किए गए हैं।
आरोपी पुरोहित ने एनआईए के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उसे गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपी बनाया गया है। मालेगांव धमाका मामले में साध्वी प्रज्ञा समेत सात आरोपियों को अप्रैल 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को 5 लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिली थी।
महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को खौफनाक बम धमाका हुआ था, उस धमाके में 7 बेगुनाह लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। ये धमाका रमजान के माह में उस वक्त किया गया था, जब मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे। इस धमाके के पीछे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का हाथ होने का आरोप लगा था, इसमें साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित का नाम सामने आया था।