किशमिश सेहत का छोटा सुपरफूड, भिगोकर खाना फायदेमंद या सूखा?

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वो छोटा-सा सूखा अंगूर जिसे हम सभी ‘किशमिश’ के नाम से जानते हैं, आज सोशल मीडिया से लेकर हेल्थ प्लेटफॉर्म्स तक चर्चा में है। पोषण से भरपूर इस मेवे को लेकर सवाल यह उठता है कि क्या इसे भिगोकर खाना अधिक फायदेमंद है या सूखा ही खा लेना चाहिए? स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस विषय में स्पष्ट राय देते हुए किशमिश के फायदों और इसके सही सेवन के तरीकों पर प्रकाश डाला।

पोषण का पावरहाउस है किशमिश

किशमिश में आयरन, फाइबर, पोटैशियम, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह हृदय, पाचन तंत्र, हड्डियों और त्वचा के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, रोजाना 8-10 किशमिश का सेवन शरीर को ऊर्जा देता है और कई रोगों से बचाव करता है।

भिगोकर खाने के फायदे

रात में 8-10 किशमिश को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाना अधिक लाभकारी माना जाता है। भिगोने से किशमिश में मौजूद पोषक तत्व जल्दी और प्रभावी तरीके से शरीर में अवशोषित हो जाते हैं। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें पाचन समस्याएं, कब्ज या आयरन की कमी हो।

सूखी किशमिश खाने के फायदे

यदि समय की कमी हो या भिगोने की सुविधा न हो, तो सूखी किशमिश भी एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और यह तुरंत ऊर्जा देती है, जिससे यह वर्कआउट से पहले एक अच्छा स्नैक बनती है। हालांकि, डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए।

कौन-सा तरीका आपके लिए बेहतर?

विशेषज्ञों का मानना है कि किशमिश को कैसे खाना है, यह आपकी शारीरिक जरूरतों पर निर्भर करता है। कमजोर पाचन या एनीमिया की स्थिति में भिगोकर खाना उचित है, जबकि सामान्य स्वास्थ्य में ऊर्जा के लिए सूखा खाना भी लाभकारी हो सकता है। दोनों ही तरीकों में मात्रा सीमित रखना ज़रूरी है।

जनता में जागरूकता और उत्साह

सोशल मीडिया पर #KishmishBenefits और #HealthyEating जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग अपने अनुभव साझा कर रहे हैं, जहां कई यूजर्स का कहना है कि भिगोई किशमिश खाने से उनकी त्वचा में निखार आया है और पाचन में सुधार हुआ है।

किशमिश को धोकर और अच्छी गुणवत्ता का ही सेवन करना चाहिए। भिगोने की अवधि 6-8 घंटे से अधिक न हो। डायबिटीज और मोटापे से जूझ रहे लोगों को डॉक्टर की सलाह से इसका सेवन करना चाहिए।

किशमिश, चाहे भिगोई हुई हो या सूखी, यदि सही तरीके से और संतुलित मात्रा में खाई जाए तो यह एक प्रभावशाली प्राकृतिक सुपरफूड बन सकती है। विशेषज्ञों की राय और जनता की रुचि को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि किशमिश आजकल स्वास्थ्य जागरूकता की पहली पसंद बनती जा रही है।