पीएम मोदी ने ओडिशा को दी 160 करोड़ की मत्स्य परियोजनाओं की सौगात, मछुआरा समुदाय को मिलेगा नया संबल

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भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा को विकास की एक और सौगात देते हुए शुक्रवार को 160 करोड़ रुपये की दो मत्स्य (फिशरीज) परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ावा देना, तटीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और स्थानीय मछुआरा समुदाय को आत्मनिर्भर बनाना है। इस अवसर पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार “ब्लू इकोनॉमी” को देश की विकास नीति का अभिन्न हिस्सा बना रही है। उन्होंने कहा, “समुद्री संसाधन भारत की समृद्धि के बड़े आधार हैं। ओडिशा जैसे तटीय राज्यों में मत्स्यपालन से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा आएगी।”

जानकारी के अनुसार, पहली परियोजना पुरी जिले में एकीकृत समुद्री मत्स्य प्रसंस्करण केंद्र के रूप में विकसित की जाएगी, जिसकी लागत लगभग 90 करोड़ रुपये होगी। वहीं, दूसरी परियोजना गंजाम जिले में मत्स्य पालन प्रशिक्षण और अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित की जाएगी, जिसकी लागत करीब 70 करोड़ रुपये आंकी गई है।

कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने प्रधानमंत्री की पहल की सराहना करते हुए कहा कि “ऐसी परियोजनाएं न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाती हैं, बल्कि सतत विकास के लक्ष्य की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम हैं।” उन्होंने मत्स्यपालन क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और पर्यावरण संरक्षण को समान प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ओडिशा सरकार और स्थानीय प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि “केंद्र और राज्य मिलकर काम करें तो तटीय विकास को नई दिशा मिल सकती है।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले समय में केंद्र सरकार मत्स्य क्षेत्र से जुड़ी अन्य योजनाओं के लिए भी विशेष पैकेज की घोषणा करेगी।

इस दौरान केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रधानमंत्री की इस सौगात से ओडिशा के मछुआरा समुदाय में उत्साह का माहौल है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन परियोजनाओं से राज्य में न केवल मत्स्य उत्पादन दोगुना होगा, बल्कि निर्यात क्षमता भी कई गुना बढ़ने की संभावना है।