असदुद्दीन ओवैसी की अध्यक्षता वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने तीन तलाक पर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस अध्यादेश के खिलाफ एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने याचिका दायर कर अध्यादेश की वैधता पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले ट्रिपल तलाक मामले में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केरल के सुन्नी मुस्लिम संगठन समस्त केरल जमीयत-उल-उलेमा संगठन ने याचिका दाखिल की थी।
इस याचिका में भी अध्यादेश की वैधता पर सवाल खड़े किए गए थे। संस्था का कहना है कि यह अध्यादेश गलत तरीके से लाया गया है।केंद्र सरकार के अध्यादेश के तहत तुरंत तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक बोलकर तलाक देने वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है।
इस अध्यादेश में मुस्लिम महिला को भत्ते और बच्चों की परवरिश के लिए खर्च को लेकर भी प्रावधान है। इसके तहत मौखिक, टेलिफोनिक या लिखित किसी भी रूप में एक बार में तीन तलाक को गैर-कानूनी करार दिया गया है।