– झुंड में काम करने वालों से शिफ्टिंग में कराने के दिए थे निर्देश
– आवश्यक कार्य हो तभी करा सकते हैं काम
भले ही प्रधानमंत्री ने 21 दिनों का लॉक डाउन करने की घोषणा की हो लेकिन लोग है कि अपनी आदत से बाज नहीं आते प्रशासन और पुलिस के द्वारा लाख जतन किए जा रहे हैं लेकिन लोग आदतन मजबूर हैं. जो खुद बीमार हो जाए और दोषारोपण सरकार या विभाग को ही देंगे।
दरअसल मामला टूंडला यार्ड का है टूंडला डाउन यार्ड की ओर जाने के लिए एक सैंडम लाइन है इसे ठोकर लाइन भी कहा जाता है इसके किनारे पड़े अनुपयोगी कुछ रेलवे ट्रैक पीस पड़े हुए हैं टूंडला स्टेशन के इर्द-गिर्द काम कराने की जिम्मेदारी सीनियर सेक्शन इंजीनियर हेड क्वार्टर की होती है वर्तमान में बीके शर्मा एसएससी इस पद पर कार्यरत हैं उनके निर्देश पर एक गैंग को इन्ही रेल ट्रैक पीसो को उठाने की जिम्मेदारी दी गई।
ट्रैक मैनो की गैंग में लगभग एक दर्जन कर्मचारी शामिल थे सभी झुंड बनाकर काम कर रहे थे वही इतना आवश्यक काम होता देख मौके पर पहुंच कर पड़ताल की तो उक्त गैंग में शामिल ट्रैक मैन अपने अधिकारी का नंबर देने में कतरा ने लगे आपस में चर्चा कर रहे थे साहब ऐसा कर देंगे साहब वैसा कर देंगे कुछ ही देर बाद साहब भी मौके पर पहुंच गए।
गैंग के अलावा एक अन्य व्यक्ति को खड़ा देख उन्होंने समझने में देर न कि और पूरी गैंग के सभी सदस्यों को खड़ा कर कोरोनावायरस को लेकर जागरूकता का ज्ञान देने लगे कुछ ही देर बाद वहां खड़े व्यक्ति के जाने के बाद फिर से उन सभी ट्रैकमैनओं को फिर से रेलवे ट्रैक पीस को उठाने के काम में लगा दिया इस संदर्भ में जनसंपर्क अधिकारी सुनील कुमार गुप्त ने बताया की रेलवे में सभी विभागों को बंद करने के निर्देश दिए हैं जब तक अति महत्वपूर्ण काम ना हो तब तक कर्मचारियों को एक साथ काम नहीं लिया जा सकता है।