
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी सप्ताह मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा के दौरे पर रहेंगे। इस अहम दौरे के दौरान वे पूर्वोत्तर को ₹7,300 करोड़ की बहुप्रतीक्षित विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। इन योजनाओं का उद्देश्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, युवाओं को अवसर देना और पूर्वोत्तर को देश की विकास की मुख्यधारा से और भी गहराई से जोड़ना है।
विकास की सौगात: संपर्क, सुविधा और समृद्धि पर ज़ोर
प्रधानमंत्री जिन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, उनमें शामिल हैं: सड़क संपर्क में सुधार, रेल और हवाई सेवाओं का विस्तार, ऊर्जा और सिंचाई योजनाएं, स्वास्थ्य सुविधाओं का उन्नयन, आईटी और शिक्षा से जुड़ी परियोजनाएं। इन परियोजनाओं से न केवल राज्य के भीतर आवागमन और सेवा वितरण बेहतर होगा, बल्कि पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।
मणिपुर दौरा: शांति और विकास का संतुलन
मणिपुर में हाल के महीनों में हुई सामाजिक अशांति और तनाव के बीच प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा गंभीर राजनीतिक और सामाजिक महत्व रखता है। यहां पीएम मोदी बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, शांति बहाली से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, स्थानीय समुदायों से संवाद कर सकते हैं। सरकार का संदेश स्पष्ट है—विकास और शांति, दोनों साथ-साथ चलेंगे।
नगालैंड, उद्योग और कृषि को मिलेगा प्रोत्साहन
नगालैंड में प्रधानमंत्री औद्योगिक गलियारे, कृषि-आधारित योजनाओं और रोजगार सृजन से जुड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। ये योजनाएं राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होंगी।
त्रिपुरा, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन पर फोकस
त्रिपुरा में पीएम मोदी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। साथ ही पर्यटन विकास योजनाएं भी शुरू की जाएंगी, जो न केवल राज्य की आर्थिकी को बल देंगी, बल्कि रोजगार के नए द्वार भी खोलेंगी।
प्रधानमंत्री का पूर्वोत्तर प्रेम
प्रधानमंत्री कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि पूर्वोत्तर भारत के विकास के बिना देश का विकास अधूरा है। बीते 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने रिकॉर्ड निवेश करते हुए पूर्वोत्तर को विकास की दिशा में अग्रसर किया है। यह नया पैकेज उसी संकल्प का अगला चरण है।
राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषकों के अनुसार, यह दौरा न केवल विकास की गति बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय समुदायों के बीच विश्वास बहाल करने और शांति का वातावरण मजबूत करने की दिशा में भी अहम साबित होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्वोत्तर दौरा केवल शिलान्यास और उद्घाटन की औपचारिकता नहीं, बल्कि क्षेत्रीय विकास, सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता की दिशा में एक ठोस कदम है।