शांति के लिए दिया जाने वाला नोबेल पुरस्कार का एलान कर दिया गया है। नोबेल पुरस्कार वितरण करने वाली नॉर्वे की कमेटी ने दो लोगों को इस पुरस्कार के लिए चुना है। जिनके नाम डेनिस मुक्वेगे और उनकी साथी नादिया मुराद हैं। नोबेल समिति की अध्यक्ष बेरिट रेइस एंडरसन ने यहां नामों की घोषणा करते हुए कहा कि इन दोनों को यौन हिंसा को युद्ध के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के इनके प्रयासों के लिए चुना गया है। दोनों वैश्विक अभिशाप के खिलाफ संघर्ष के उदाहरण हैं। शांति का नोबेल पुरस्कार देने वाली समिति के अनुसार इस बार 216 व्यक्तियों और 115 संगठनों को नामित किया गया था।
प्रति वर्ष यह पुरस्कार उस शख्स या व्यक्ति को दिया जाता है जिसने विश्व शांति में अपना योगदान दिया हो या शांति के लिए कोशिश की हो। इस साल इस पुरस्कार के लिए कुल 331 लोग नामित किए गए थे। जो नामांकित व्यक्तियों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। जिसे शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जाता है उसके नाम को गुप्त रखा जाता है। नामांकित किए व्यक्तियों में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन और पोप फ्रांसिस जैसी शख्सियतों का भी नाम शामिल था।
The Nobel Peace Prize for 2018 has been awarded to Denis Mukwege and Nadia Murad for their efforts to end the use of sexual violence as a weapon of war and armed conflict. pic.twitter.com/bZYIVoU8Z3
— ANI (@ANI) 5 October 2018
शांति पुरस्कार देने वाली संस्था ने ट्वीट कर कहा, 2018 नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डेनिस मुक्वेगे ने युद्ध के समय यौन हिंसा के पीड़ितों की रक्षा करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। उनकी साथी नादिया मुराद को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिसने खुद और दूसरों के खिलाफ दुर्व्यवहार के बारे में जिक्र किया है।’
जानें कौन हैं डेनिस मुक्वेगे
डेनिस का जन्म 1 मार्च 1955 को पेंटोकोस्टल मंत्री के घर हुआ था। पेशे से गायनोकोलोजिस्ट 9 भाई-बहनों में वह तीसरे नंबर के हैं। उन्होंने बुकावू के पनजी अस्पताल में काफी काम किया है। यहां वह उन महिलाओं का इलाज करते थे जिनके साथ सुरक्षाबलों ने बलात्कार या समूहिक दुष्कर्म किया होता था। दूसरे कांगों युद्ध के बाद उन्होंने ऐसी हजारों पीड़िताओं का इलाज किया है। वह 18 घंटे के दौरान लगभग 10 पीड़िताओं की सर्जरी किया करते थे। द ग्लोब एंड मॉल के अनुसार मुक्वेगे बलात्कार की चोटों को ठीक करने के लिए दुनिया के अग्रणी विशेषज्ञ हैं।
जानें कौन है नादिया मुराद
नादिया मुराद बसी ताहा का जन्म इराक के कोजो में 1993 में हुआ था। वह इराक की यजीदी मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। उन्हें आईएसआईएस ने अगवा करके तीन सालों तक बंधक बनाकर रखा था। मुराद नादिया अभियान की संस्थापक हैं। यह संस्था उन महिलाओं और बच्चों की मदद करती है जो नरसंहार, सामूहिक अत्याचार और मानव तस्करी के पीड़ित होते हैं। संस्था उन्हें अपनी जिंदगी दोबारा जीने और उन बुरी यादों से उबरने में मदद करती है।