16 दिसंबर 2012 वो श्याह काली रात जिसके बारे में सोचकर आज भी रूह कांप जाती है। उस रात इंसानियत की सारी हदें पार हो चुकी थी। वहीं वो काली रात थी, जिसने निर्भया की जिंदगी पुरे मायने में बदल दी थी। उस रात 6 दरिंदों ने मासूम निर्भया के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। इतने से भी उन दरिंदों का मन नहीं भरा तो उन्होने मापरीट के बाद निर्भया के पेट में रॉड घुसा दी जिससे उसकी आत बाहर आ गई। लंबे इलाज के बाद भी निर्भया को बचाया नहीं जा सका। उस काली रात के बाद देशभर में सवाल और आक्रोश साफ तौर पर देखने को मिला था।
आज उस घटना को तकरीबन 7 साल बीत चुके हैं। निर्भया के परिवार को इंतजार है तो सिर्फ इंसाफ का। निर्भया की मां आज भी खुद को 7 साल पीछे खड़ी बताती है। आज एक बार फिर उस मां को उम्मीद और इंसाफ का इंतजार है। आखिर कब उसकी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। फिलहाल इतना तो तय है कि बाकी के चार दरिंदों को 18 दिसंबर तक फांसी हो सकती है। जिसके लिए तैयारी की जा रही है। उस रात निर्भया के साथ जो कुछ हुआ, उसके बारे में कल्पना करते ही रूह कांप जाती है, लेकिन कुछ फिल्म निर्देशकों ने निर्भया के दर्द उसकी चीखों को लोगों तक पहुंचाने के लिए कई तरह की कहानियों को पर्दे पर उतारा है। ये फिल्मस ज्यादा तर शॉर्ट फिल्मस है। इतना ही भारत की इस बेटी की बहादुरी पर ब्रिटिश फिल्म मेकर भी एक डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहती है।
दिल्ली बस- फिल्म की कहानी निर्भया के साथ बस में हुए इस बर्बर्ता पर है। जिसने उस मासूम को मौत की निंद सुलाने पर मजबूर कर दिया था।
निर्भया केस- ये फिल्म निर्भया की कहानी को शुरू से लेकर अंत तक उसके दर्द और सपनों के बारे में बताएगी।
इंडिया नेवर अगेन निर्भया- उस रात निर्भया के साथ जो हुआ उसके बारे में आज भी मन में वे गुस्सा वापस आ जाता है। इस फिल्म में निर्भया और उस रात उसके दोस्त के बारे में बताया है कि कैसे वह दोनों कड़ाके की ठंड में लोगों से मदद मांगते हैं।
निर्भया अ शॉर्ट फिल्म- इस फिल्म में निर्भया के दर्द और उसकी मां के संघर्ष की कहानी के बारे में बताया गया है। जिस तरह से निर्भया का मां आज तक बेटी के इंसाफ के लिए संघर्ष कर रही है।