वकील को देखकर आपके दिमाग में यह सवाल तो, अक्सर आता होगा कि आखिर वकील काला कोर्ट ही क्यों पहनते है। आखिर काला कोर्ट पहनने के पीछे क्या वजह है।
इसी के साथ वकीलों को चार कैटेगरी में बांट दिया गया था- जो इस तरह थे। स्टूडेंट, प्लीडर, बेंचर और बैरिस्टर। ये सभी जज का स्वागत करते थे और उस समय लाल और भूरे रंग से तैयार गाउन पहनते थे। सन 1600 में वकीलों की वेशभूषा में बदलाव किया गया। जिसके बाद 1637 में यह प्रस्ताव रखा गया कि काउंसिल को जनता के अनुसार ही कपड़े पहनने चाहिए।
बता दें, बाद में वकीलों के पहनाव में सफेद बैंड और टाई को जोड़ दिया गया। अधिनियम 1961 के तहत अदालतों में सफेद बैंड टाई के साथ काला कोट पहन कर आना अनिवार्य कर दिया गया था। ये ड्रेस आज वकीलों की पहचान बन गई है।