पूर्व डूसू अध्यक्ष अंकिव बसोया की डिग्री फर्जी साबित होने के बाद यूनिवर्सिटी में दोबारा चुनाव कराने की एनएसयूआई की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब यह साफ हो गया है कि डीयू में इस साल दोबारा छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे। हालांकि अभी ये पता नहीं चल सका है कि उपाध्यक्ष को अध्यक्ष बनाया जाएगा या नहीं।दरअसल अंकिव बसोया ने डीयू के बौद्ध दर्शन विभाग में एमए में दाखिले के लिए तिरुवल्लुवर विवि की बीए की डिग्री दस्तावेज के रूप में पेश की थी। तिरुवल्लुवर विवि ने इस डिग्री को फर्जी बताया था। वहां से फर्जी डिग्री की बात की पुष्टि हो जाने के बाद 14 नवंबर को अंकिव का दाखिला रद्द कर दिया गया था। मौरिस नगर पुलिस ने नवंबर में अंकिव के खिलाफ जालसाजी और हेराफेरी (आईपीसी की धारा 420, 468 और 471) के तहत मामला दर्ज किया हुआ है। पुलिस जांच के बाद अब आगे की कार्रवाई करेगी।पूर्व डूसू अध्यक्ष अंकिव बसोया का मामला एक ओर जहां दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है, वहीं एबीवीपी से डूसू उपाध्यक्ष शक्ति सिंह ने उन्हें अध्यक्ष पद पर पदोन्नति दिए जाने के लिए ज्ञापन दिया था। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के संरक्षक एवं कुलपति प्रो. योगेश कुमार त्यागी को संबोधित यह ज्ञापन डूसू एडवाइजर को दिया गया। डूसू उपाध्यक्ष शक्ति सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रशासन को लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार पदोन्नत करने के लिए आग्रह किया है।