राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसद के उच्च सदन के रूप में राज्यसभा के स्थापना दिवस की शुक्रवार को शुभकामनायें देते हुये कहा कि भारतीय लोकतंत्र में सार्थक संवाद की परंपरा को सुदृढ़ करने वाले इस सदन में सदस्यों को सार्थक विमर्श द्वारा जनता के समक्ष प्रेरक मानदंड स्थापित करना चाहिये। संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्थायी सदन के रूप में राज्यसभा की स्थापना 1952 में की गयी थी।
नायडू ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आज राज्यसभा दिवस के अवसर पर माननीय सदस्यों, भूतपूर्व सदस्यों तथा राज्य सभा सचिवालय के सदस्यों को शुभकामनाएं देता हूं। विगत दशकों में सभा ने भारतीय लोकतंत्र में स्वतंत्र, सौम्य और सार्थक संवाद की परंपरा को दृढ़ किया है। यह स्थाई सदन, लोकतंत्र में परम्परा और परिवर्तन का द्योतक है।’’ उन्होंने राज्यसभा सदस्यों से आह्वान किया, ‘‘राज्यसभा दिवस के अवसर पर, संसद के उच्च सदन के सभापति के रूप में,
मैं सभी सदस्यों से आग्रह करता हूं कि वे जन सरोकार के मुद्दों पर सार्थक विमर्श द्वारा जनता के समक्ष प्रेरक मानदंड स्थापित करें।’’ नायडू ने अपील करते हुये कहा, ‘‘आइए हम साथ मिल कर भारत को प्रगति, समृद्धि और उन्नति के नए शिखर तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास करें। अपने संसदीय लोकतंत्र को और सार्थक एवं सक्षम बनाएं।’’