सांसदों के एक समूह ने वरिष्ठ नागरिकों से उनके अधिकारों का इस्तेमाल बिना किसी हिचकिचाहट के करने की अपील की है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस संबंध में समाज में जागरुकता पैदा करने की जरूरत है। फग्गन सिंह कुलस्ते, रीता बहुगुणा जोशी, सत्यदेव पचौरी समेत अन्य सांसदों ने दादी-दादा फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम वरिष्ठ नागरिकों के लिए मददगार महौल उपलब्ध कराने के मकसद से आयोजित किया गया था।लोकसभा में इलाहाबाद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वालीं जोशी ने कहा,
“सेवानिवृत्ति के बाद भी अवसरों की कमी नहीं होती। शिक्षण, प्रशासनिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में 70 की उम्र तक फिर से नौकरी पाने के अवसर रहते हैं।”उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए और उनके इस्तेमाल में हिचकिचाना नहीं चाहिए। मध्य प्रदेश के मंडला से सांसद एवं इस्पात राज्य मंत्री कुलास्ते ने कहा कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांग जनों की चिंताओं से अवगत है। साथ ही कहा कि सरकार न सिर्फ सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत्त होने वालों के लिए पेंशन योजनाएं चला रही हैं बल्कि निजी कोराबार में शामिल लोगों के लिए भी।कानुपर से सांसद पचौरी ने कहा
कि सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई योजनाएं चला रही हैं और उन्हें इसका लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी है कि आम जनता और निर्वाचित प्रतिनिधि लोगों के लिए शुरू की गई योजनाओं के प्रति जागरुकता पैदा करें। दादी-दादा फाउंडेशन के संस्थापक और निदेशक मुनि शंकर ने कहा, “नये और युवा भारत की बात तो सभी करते हैं लेकिन भारत के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले वरिष्ठ नागरिकों की लगातार अनदेखी की जा रही है। इन बुजुर्गों के पास असीम ज्ञान और अनुभव होता है जिसका लाभ सरकार, समाज और देश को मिलना चाहिए।”