मोदी–ट्रंप बातचीत से पिघली बर्फ, फिर पटरी पर लौटते भारत–अमेरिका रिश्ते

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भारत और अमेरिका के रिश्तों में पिछले कुछ महीनों से छाई तल्खी अब कम होती दिख रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर उनके 75वें जन्मदिन की बधाई दी और रूस–यूक्रेन युद्धविराम के समर्थन के लिए आभार जताया। साथ ही, दोनों देशों के बीच अटकी हुई व्यापार वार्ता भी दोबारा शुरू हो गई है।

तीन महीने बाद सीधी बातचीत

ट्रंप और मोदी के बीच यह सीधी बातचीत करीब तीन महीने बाद हुई। पिछली बार 17 जून को कनाडा में जी-7 बैठक के बाद दोनों नेताओं में फोन पर संवाद हुआ था। उस समय पाकिस्तान और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर मतभेदों के चलते रिश्तों में ठंडापन आ गया था। जुलाई में अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया और अगस्त में इसे बढ़ाकर 50% कर दिया, जिससे तनाव और गहराया।

ट्रंप और मोदी ने क्या कहा

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैंने अपने दोस्त पीएम मोदी से फोन पर बात की। उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। वह शानदार काम कर रहे हैं। नरेंद्र, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवाने में आपके समर्थन के लिए धन्यवाद।”

मोदी ने जवाब दिया, “जन्मदिन की बधाई देने के लिए शुक्रिया मेरे मित्र डोनाल्ड ट्रंप। मैं भी भारत–अमेरिका की वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में आपके प्रयासों का समर्थन करते हैं।”

व्यापार वार्ता में नई उम्मीद

दोनों देशों के बीच अटकी हुई व्यापार वार्ता मंगलवार को दोबारा शुरू हो गई। अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के साथ बैठक की। दोनों पक्षों ने बातचीत को सकारात्मक बताते हुए कहा कि आगे के चरण की रूपरेखा तय हो गई है और लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द अंतिम रूप देने की कोशिश होगी।

क्यों बदला अमेरिका का रुख

ट्रंप प्रशासन ने भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्र को पूरी तरह खोलने की शर्त से पीछे हटते हुए अब केवल मक्का और प्रीमियम पनीर की बिक्री पर जोर दिया है।

चीन के टैरिफ विवाद के बाद अमेरिकी मक्का के बड़े खरीदार बदल गए, जिससे अमेरिकी किसानों में असंतोष बढ़ा।

अब अमेरिका चाहता है कि भारत उसका मक्का इथेनॉल उत्पादन में इस्तेमाल करे।

साथ ही पीएम मोदी की रूस और चीन से बढ़ती नजदीकियों ने भी वाशिंगटन का रुख नरम करने में भूमिका निभाई है।

आगे की राह

विशेषज्ञों का मानना है कि यह व्यावहारिक रुख भारत–अमेरिका रिश्तों में नई ऊर्जा ला सकता है। छठे दौर की व्यापार वार्ता जल्द शुरू होने की संभावना है, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और रणनीतिक साझेदारी और मजबूत हो सकती है।मोदी–ट्रंप बातचीत से पिघली बर्फ, फिर पटरी पर लौटते भारत–अमेरिका रिश्ते