पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मोदी सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया है। इमरान ने वॉशिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत की सत्ताधारी पार्टी मुसलमान और पाक विरोधी है। भारत सरकार ने मेरी तरफ से की गई शांति की हर कोशिश को नाकाम कर दिया। मुंबई हमले के अपराधियों के सवाल पर इमरान ने कहा कि मैंने सरकार से केस की हालिया स्थिति पता करने को कहा है। यह आतंकवाद से जुड़ा मसला था, हम इसे सुलझाना चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि जब भारत में चुनाव हो जाएंगे तो दोनों देशों में बातचीत शुरू हो सकेगी। आतंवाद पर सफाई देते हुए इमरान ने कहा कि जबसे मैं सत्ता में आया हूं, सुरक्षाबलों से मुझे बाकायदा जानकारी मिल रही है। मैं अमेरिका से पूछना चाहता हूं कि हमारे यहां आतंकी गुट कहां सक्रिय हैं? अगर अफगान सीमा पारकर 2-3 हजार तालिबान हमारे यहां आ गए हैं तो उन्हें अफगान शिविरों में भेज दिया जाएगा। इमरान ने कहा कि 26/11 हमले से पाक का कोई लेना देना नहीं है।ओसामा अफगानिस्तान में था, इसमें किसी पाकिस्तानी की भूमिका नहीं थी। अपना दर्द बयां करते हुए इमरान ने कहा कि 1980 में तालिबान के खिलाफ लड़ाई में हमने अमेरिका की मदद की पर बदले में हमें क्या मिला, हमारे 80 हजार लोग मारे गए, करीब साढ़े दस लाख करोड़ का नुकसान हुआ। आज हमारे यहां न तो कोई निवेशक आता है और न ही कोई टीम खेलने के लिए आती है।
बता दें कि जुलाई में चुनाव जीतने के बाद अपने पहले संबोधन में इमरान ने कहा था कि भारत एक कदम आगे बढ़ेगा तो हम दो कदम चलेंगे। हाल ही में पाक ने भारत को सार्क समिट में शामिल होने का न्योता दिया था। इस पर सुषमा स्वराज ने कहा था कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं हो सकते।