
नेपाल के डोलखा जिले की रोलवालिंग वैली में स्थित यालुंग री (Yalung Ri) पर्वत पर सोमवार को भीषण हिमस्खलन हुआ, जिसमें 7 पर्वतारोहियों की मौत हो गई, जबकि 4 गंभीर रूप से घायल हैं और 4 अब भी लापता बताए जा रहे हैं। मृतकों में 3 अमेरिकी, 1 कनाडाई, 1 इतालवी और 2 नेपाली नागरिक शामिल हैं।
यह हादसा 5,630 मीटर ऊंची चोटी पर उस समय हुआ जब पर्वतारोही अपने बेस कैंप में मौजूद थे। हिमस्खलन की रफ्तार इतनी तेज़ थी कि उसने सीधे बेस कैंप को अपनी चपेट में ले लिया। कई टेंट और उपकरण बर्फ में दब गए, जिससे बड़ा नुकसान हुआ।
रेस्क्यू टीमों ने तुरंत मोर्चा संभाला, लेकिन खराब मौसम और ऊंचाई के कारण बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। जिला पुलिस के डिप्टी एसपी ज्ञान कुमार महतो ने बताया कि लापता पर्वतारोहियों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे से ठीक पहले पहाड़ से तेज गर्जना जैसी आवाज़ आई थी, और कुछ ही पलों में बर्फ का विशाल ढेर बेस कैंप पर टूट पड़ा।
मौसम की मार बनी हादसे की वजह
नेपाल के पर्यटन विभाग के अधिकारी हिमाल गौतम के अनुसार, भारी बर्फबारी और तेज़ हवाओं ने हालात बिगाड़ दिए थे। इसी दौरान पश्चिमी नेपाल में पनबारी पर्वत (6,887 मीटर) पर चढ़ाई कर रहे दो इतालवी पर्वतारोही स्टेफानो फैरोनाटो और एलेसेंड्रो कैपुटो से भी संपर्क टूट गया। साइक्लोन “मोंथा” के प्रभाव से मौसम अचानक बिगड़ गया था। टीम लीडर को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन बाकी सदस्यों की खोज जारी है।
नेपाल दुनिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों में से 8 का घर है, जिनमें माउंट एवरेस्ट भी शामिल है। हर साल हजारों पर्वतारोही और ट्रैकर्स यहां पहुंचते हैं। हालांकि, मौसम परिवर्तन, ग्लेशियरों की अस्थिरता और लगातार बढ़ती बर्फबारी अब इन अभियानों को और खतरनाक बना रहे हैं।
ट्रेकिंग एजेंसी एसोसिएशन ऑफ नेपाल के प्रमुख सागर पांडे ने बताया कि अब तक एक हजार से अधिक ट्रैकर्स को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन हालात अब भी गंभीर हैं।
मौसम में सुधार के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़ किया गया है।











