महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बड़ा हादसा, 5 यात्रियों की मौत, कई गंभीर रूप से घायल

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महाराष्ट्र के ठाणे जिले में सोमवार सुबह एक दर्दनाक रेल हादसे ने कई परिवारों को झकझोर कर रख दिया। मुंब्रा और दिवा रेलवे स्टेशनों के बीच सुबह करीब 9:30 बजे पुष्पक एक्सप्रेस (12534) और कसारा लोकल फास्ट ट्रेन की क्रॉसिंग के दौरान 10-12 यात्री अत्यधिक भीड़ के कारण ट्रैक पर गिर पड़े, जिनमें से 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ थी और कई यात्री दरवाजों से लटककर सफर कर रहे थे। जैसे ही पुष्पक एक्सप्रेस और लोकल ट्रेन पास हुईं, असंतुलन के कारण यात्री ट्रैक पर गिर गए, और उसी समय एक्सप्रेस ट्रेन के गुजरने से कुछ यात्रियों की जान चली गई।

क्या बोले अधिकारी?

ठाणे जीआरपी की वरिष्ठ निरीक्षक अर्चना दुसाने ने पुष्टि की कि हादसा फास्ट ट्रैक पर हुआ और मेल/एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आकर कुछ यात्रियों की मौत हुई। सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने बताया कि कसारा ट्रेन के गार्ड ने घटना की सूचना कंट्रोल रूम को दी, जिसके बाद रेलवे प्रशासन, पुलिस और एंबुलेंस टीम तुरंत मौके पर पहुंची।

कम से कम 6 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को ठाणे, कल्याण और मुलुंड के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।

ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित

हादसे के कारण कुछ समय के लिए सेंट्रल रेलवे की फास्ट लाइन पर लोकल सेवाएं बाधित रहीं। बाद में परिचालन सामान्य कर दिया गया।

लटककर सफर बना मौत का कारण

रेलवे ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक भीड़ और दरवाजों पर लटककर यात्रा करना इस दुर्घटना की मुख्य वजह मानी जा रही है। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यात्री किस ट्रेन से गिरे, लेकिन हादसे की गंभीरता को देखते हुए जांच रिपोर्ट का इंतजार है।

हादसे के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा और दुख दोनों है। लोग रेलवे से भीड़ प्रबंधन, अधिक कोच और सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं। यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि मुंबई जैसे शहर में रोजाना लाखों यात्रियों को ढोने वाले लोकल ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा कब प्राथमिकता बनेगी?

यह हादसा केवल एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है – यात्रियों की जान बचाने के लिए सिस्टम में सुधार और ठोस कदम ज़रूरी हैं।