
आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश में रविवार को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा धूमधाम और भक्तिभाव से निकाली गई। नगर पालिका मुनि की रेती-ढलवाला क्षेत्र स्थित मधुबन आश्रम की ओर से आयोजित इस वार्षिक यात्रा में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। ‘हरे राम, हरे कृष्णा’ के जयघोष से पूरी योगनगरी भक्तिमय हो उठी।
यात्रा का शुभारंभ कैलाश गेट स्थित मंदिर से हुआ। वहां से रथ यात्रा मुख्य मार्गों से होती हुई चंद्रभागा पुल, मुख्य बाजार और रेलवे रोड से गुजरते हुए गुरुद्वारा परिसर में संपन्न हुई। पूरे मार्ग पर श्रद्धालु फूल बरसाते रहे और भगवान के जयकारों से वातावरण गुंजायमान होता रहा।
सैकड़ों कृष्ण भक्त पारंपरिक वेशभूषा में झूमते-गाते हुए रथ खींचते नजर आए। भक्ति संगीत, मृदंग और झांझ की ताल पर भक्तों ने नृत्य किया, जिससे चारों ओर उल्लास और आध्यात्मिक उत्साह का माहौल छा गया। मधुबन आश्रम के पराध्यक्ष परमानंद दास महाराज ने बताया कि यह आश्रम की आठवीं वार्षिक जगन्नाथ यात्रा है, जिसमें देशभर से आए कृष्ण और राम भक्तों ने भाग लिया।
यात्रा में भगवान जगन्नाथ के साथ उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र की प्रतिमाओं का विशेष पूजन और दर्शन कराया गया। आकर्षक झांकियों, सुसज्जित रथ और हरिनाम संकीर्तन ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए। जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात रहे और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा गया।
रथ यात्रा के समापन पर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। आयोजन समिति के अनुसार, यह वार्षिक रथ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रेम, एकता और सद्भाव का प्रतीक है। भगवान जगन्नाथ के जयकारों के साथ जब रथ गुरुद्वारे के सामने रुका, तो पूरा क्षेत्र भक्ति रस में सराबोर हो उठा।