आस्था का अद्भुत केंद्र कोटद्वार का सिद्धबली हनुमान मंदिर, जहाँ बजरंग बली प्रहरी बनकर करते हैं भक्तों की रक्षा

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देवभूमि उत्तराखंड के कोटद्वार नगर में स्थित सिद्धबली हनुमान मंदिर श्रद्धा और आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर केवल उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे भारत से श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। पवनपुत्र हनुमान जी को समर्पित यह पवित्र स्थल सालभर श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार रहता है।

लोकमान्यता है कि सिद्धबली मंदिर में हनुमान जी हर सच्चे श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण करते हैं। मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त यहां भंडारे का आयोजन करते हैं और अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और आज भी उतनी ही आस्था से निभाई जा रही है।

गुरु गोरखनाथ से जुड़ी ऐतिहासिक कथा

इस मंदिर की महिमा केवल हनुमान भक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली भी मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि कलियुग में भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले गुरु गोरखनाथ को यहीं सिद्धि प्राप्त हुई थी। इसी कारण उन्हें “सिद्ध बाबा” कहा गया और इस स्थान का नाम “सिद्धबली” पड़ा।

गोरखपुराण के अनुसार, गुरु गोरखनाथ ने जब अपने गुरु मछेंद्रनाथ को त्रिया राज्य की रानी मैनाकनी के मोह से मुक्त कराने का निश्चय किया, तो पथ में बजरंग बली ने उनका मार्ग रूप बदलकर रोका। इसके बाद दोनों के बीच भीषण युद्ध हुआ, लेकिन कोई विजयी नहीं हो सका। अंततः हनुमान जी ने अपने वास्तविक रूप में आकर गुरु गोरखनाथ के तपोबल से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया।

गुरु गोरखनाथ ने हनुमान जी से इस स्थान पर प्रहरी रूप में रहने की प्रार्थना की, जिसे पवनपुत्र ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। तभी से यह स्थान सिद्धबली के नाम से प्रसिद्ध है, जहाँ आज भी हनुमान जी प्रहरी स्वरूप में भक्तों की रक्षा करते हैं।

आस्था, इतिहास और अध्यात्म का संगम

सिद्धबली मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह इतिहास, लोककथाओं और अध्यात्म का जीवंत संगम भी है। यहां आने वाला हर श्रद्धालु शांति, विश्वास और ऊर्जा से भर जाता है।

यदि आप उत्तराखंड यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो सिद्धबली हनुमान मंदिर को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें यहाँ हर कदम पर आपको दिव्यता का अनुभव होगा।