किसान नेता कुलवंत सिंह संधू कौन हैं
क्या है खेती, वामपंथ और राजनीति से संबंध ?
किसान नेता कुलवंत सिंह संधू कौन हैंक्या है खेती, वामपंथ और राजनीति से संबंध ? किसान आंदोलन में ब्रिटेन के पीएम से 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के बायकॉट की मांग करने वाले किसान आंदोलन के नेता कुलवंत सिंह संधू आज भले ही खुद को सिर्फ किसान बताएं, लेकिन उनका राजनीतिक इतिहास बताता है कि 2009 तक ना तो उनके पास जमीन थी और ना ही खेती का कारोबार, चुनाव लड़े तो जमानत जब्त हो गई
और तब से मार्क्सवादी पार्टी सीपीआईएम से जुड़े हैं, किसान नेता बन चुके हैं।
आंदोलन में राजनीति वालों के लिए कोई जगह नहीं है, ऐसी बातें तो हमने बहुत बार सुनीं, लेकिन आंदोलन से पहले के रिकॉर्ड खंडालने पर हकीकत कुछ और ही पता चलती है। किसान आंदोलन के नेता कुलवंत सिंह संधू के सीपीआईएम से गहरे ताल्लूकात हैं और पंजाब में कई ऐसे राजनीतिक कार्यक्रम हुए हैं
जिनमें कुलवंत सिंह संधू को सीपीआईएम के बैनर तले बैठा ना सिर्फ देखा गया है,
बल्कि उनके पदों पर आसीन भी बताया गया है।
23 मार्च 2015 को सीपआई पंजाब और सीपीआईएम पंजाब ने गांव खटकर कलां में कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें कुलवंत सिंह सिंधू भी शामिल थे
इसी तरह 2016 में भी हुए कार्यक्रम में भी संधू की मौजूदगी स्पष्ट दिखाई पड़ती है ।
इस कार्यक्रम को लेकर सीपीआई माक्सिस्ट की वेबसाइट पर दर्ज आर्टिकल में भी कुलवंत सिंह संधू का नाम दर्ज है।
माओवादी विचारधारा वाली जम्हूरी किसान सभा का नेतृत्व करते हैं कुलवंत सिंह संधू
किसान आंदोलन में कुलवंत सिंह संदू की जम्हूरी किसान सभा शामिल है, ये किसान सभा परोक्ष अथवा अपरोध रुप से माओवादी सीपीएम से जुड़ी हुई है और इसका झंडा भी उसी रंग और कलेवर के साथ है। आमतौर पर CPI M जैसी राजनीतिक पार्टियां जनसंपर्क बढ़ाने के लिए इस तरह से कई संगठनों को तैयार करती हैं और उन्हें पूरा समर्थन देते हैं, ताकि जरुरत पड़ने पर इस नेटवर्क से राजनीतिक बढ़त हासिल की जा सके। तो क्या ऐसे में ये कहना सही होगा
कि कुलवंत सिंह संधू की जम्हूरी किसान सभा गैर राजनीतिक संगठन ही है ?
जवाब तकनीकी मामलों में हां में भी हो सकता है और ना भी ।
2017 में भी कुलवंत की जम्हूरी किसान सभा पर लगे थे पुलिस पर हमले के आरोप
किसान आंदोलन में कुलवंत सिंह संधू की जम्हूरी किसान सभा आज भले ही शांतिपूर्ण और सत्याग्रही आंदोलन की बातें करें,
लेकिन रिकॉर्ड बताते हैं कि 14 अक्टूबर, 2017 को पुलि
स ने जम्हूरी किसान सभा के 35 सदस्यों के खिलाफ पुलिस से मार पिटाई का मामला दर्ज किया था।
किसान आंदोलन के नेता कुलवंत सिंह संधू ने लड़ा था चुनाव, जमानत हुई थी जब्त
किसान आंदोलन से जुड़े कुलवंत सिंह संधू का राजनीतिक ब्यौरा भी देखने को मिला है, साल 2009 में चुनावों के दौरान उन्होंने शिरोमणी अकाली दल की ओर से फतेहगढ़ साहिब से चुनाव लड़ा और जमानत जब्त हो गई। उस समय चुनाव आयोग को दिए गए ब्योरे के मुताबिक कुलवंत सिंह संधू या उसके रिश्तेदारों के पास खेती की कोई भी जमीन नहीं थी,
तो सवाल उठने लाजमी हैं
कि जिनके परिवार में कोई भी खेती ना करता हो, ना ही जमीन हो,
वो अचानक किसान नेता कैसे बन गए ?
राजनेता से किसान आंदोलन में जम्हूरी किसान सभा के संयोजक और किसान नेता बने कुलवंत सिंह संधू की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को लेकर सवाल उठने लाजमी हैं
औऱ इसका जवाब आने वाला वक्त देगा ही,
क्योंकि 2021 में पंजाब चुनाव सर पर हैं और जिनका राजनीतिक महत्वाकांक्षा है,
वो चुनावों में अपना और अपनी पार्टी का कद ऊंचा उठाने के लिए सामने जरुर आएंगे।