मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आई मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया। सभी चीतों को मिलाकर वर्तमान में कूनो में चीतों की संख्या 23 हो गई है।
मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से देश के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी सामने आई है। नामीबिया से आई मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया है। जानकारी के अनुसार मादा चीता और चारों नन्हे मेहमान फिलहाल बिल्कुल स्वस्थ हैं। एक विशेष टीम नए मेहमानों और मादा चीता का खास ख्याल रख रही है। चीता संरक्षण परियोजना में शामिल अधिकारियों ने नये मेहमानों के आगमन पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि शावकों का जन्म एक सकारात्मक संकेत है कि कूनो नेशनल पार्क में चीते अपने नए वातावरण में अच्छी तरह से ढल रहे हैं। पार्क को भारत की वन्यजीव आबादी में चीतों के पुन: प्रवेश के लिए एक उपयुक्त आवास के रूप में तैयार किया जा रहा है। बता दें, पीएम मोदी ने अपने 72वें जन्मदिवस के मौके पर एमपी के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था, जिनमें पांच नर और तीन मादा चीता शामिल थी। हाल ही में एक मादा चीता साशा की इन्फेंक्शन के चलते मौत हो गई थी।
मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज चौहान ने चार शावकों के जन्म पर ख़ुशी जाहिर की और ट्वीट कर प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। और साथ ही वन विभाग की पूरी टीम को बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपकी प्रेरणा और सफल प्रयासों से चीता की सुखद वापसी भारत में हुई है। मध्यप्रदेश चीता स्टेट बना है। कूनो नेशनल पार्क में चीता परिवार में चार नये शावकों के आगमन से हम समस्त मध्यप्रदेशवासी हर्षित एवं आनंदित हैं।
https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1641003080148996098?s=20
यह हमारे लिए अत्यंत आनंददायी है कि कूनो में चीता परिवार बढ़ रहा है। वन विभाग, कूनो नेशनल पार्क, स्थानीय प्रशासन के सफल प्रबंधन से सुखद परिणाम मिले हैं।
मैं वन विभाग की पूरी टीम को बधाई देता हूं, जिनकी देख रेख में भारत में चीता प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। 🐆🐆🐆🐆
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 29, 2023
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को कहा कि नामीबिया से भारत लाए गए चीतों में से एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया है। उन्होंने इसे ‘अमृत काल’ के दौरान भारत के वन्यजीव संरक्षण इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना बताया। ट्वीट कर लिखा कि “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए एक चीते के चार शावकों का जन्म हुआ है।” मंत्री ने प्रोजेक्ट चीता की पूरी टीम को चीतों को भारत वापस लाने के उनके अथक प्रयासों और अतीत में किए गए एक पारिस्थितिक गलतियों को सुधारने के उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।
Congratulations 🇮🇳
A momentous event in our wildlife conservation history during Amrit Kaal!
I am delighted to share that four cubs have been born to one of the cheetahs translocated to India on 17th September 2022, under the visionary leadership of PM Shri @narendramodi ji. pic.twitter.com/a1YXqi7kTt
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) March 29, 2023
नामीबिया से आई फीमेल चीता साशा सोमवार 27 मार्च को कूनो नेशनल पार्क स्थित अपने बाड़े में मृत मिली थी। उसकी किडनी खराब थी और उसका इलाज चल रहा था। इस खबर ने देश में फिर से चीतों को बसाने की इच्छा रखने वाले वन्यजीव प्रेमियों को झटका दिया था, लेकिन एक साथ चार शावकों के जन्म के बाद अब चीतों के देश में फिर से बसने की उम्मीदें रंग लाती दिख रही हैं।
भारत में आखिरी चीता वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में मरा था और चीतों की प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के तहत 2009 में भारत में चीतों को फिर से पेश करने के उद्देश्य से ‘प्रोजेक्ट चीता’ की शुरुआत की थी। देश के कई राज्यों को पार्क में सर्वे के बाद मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क को चीतों को फिर से बसाने के लिए अनुकूल माना गया था और प्रोजेक्ट चीता के लिए चुना गया था। करीब 22 साल के लंबे इंतजार के बाद 2022 में सबसे पहले नामीबिया से आठ चीते लाए गए थे, वहीं, इसी साल दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लाया गया था।
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